Chhattisgarh Ki Baat: प्रदेश भाजपा के लिए टिकट वितरण बनी बड़ी चुनौती.. दागी दावेदारों से छुटकारा पाने की जारी है मशक्कत

Chhattisgarh Ki Baat: प्रदेश भाजपा के लिए टिकट वितरण बनी बड़ी चुनौती.. दागी दावेदारों से छुटकारा पाने की जारी है मशक्कत

IBC24 Chhattisgarh Ki Baat

Modified Date: August 30, 2023 / 10:00 pm IST
Published Date: August 30, 2023 10:00 pm IST

IBC24 Chhattisgarh Ki Baat: रायपुर: नमस्कार, छत्तीसगढ़ की बात में स्वागत है आपका, इस बार भाजपा अपनी किसी भी पुरानी गलती को दोहराना नहीं चाहती। जो-जो गलतियां बीजेपी को चुनाव या उप-चुनाव में ले डूबीं थी, उनसे पार्टी ने पूरी तरह से किनारा कर लिया है। बीते कड़वे अनुभवों के बाद, भाजपा ने इस बार चुनाव में किसी भी दागी दावेदार को टिकट ना देने का फैसला किया है। हालिया कैंडिडेट सलेक्श में ऐसे करीब 2 दर्जन दावेदानों के नाम काटे जा चुके हैं। कौन हैं वो कैंडिडेट, उससे कहीं ज्यादा बड़ा सवाल ये है कि इसका चुनाव मैदान में मुकाबले पर कितना असर पड़ेगा।

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नवंबर 2022 में हुए भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर दुष्कर्म के आरोपों पर ऐसी सियासी आंधी उठी जो भाजपा के लिए शिकस्त लेकर आई। यही वजह है कि इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा फूंक-फूंककर कदम रख रही है और किसी ऐसे उम्मीदवार को टिकट नहीं देना चाहती, जिसके खिलाफ कोई आपराधिक केस हो। हाल में पामगढ़ विधानसभा सीट से टिकट की दावेदार महिला के खिलाफ दहेज यातना का केस दर्ज होने की पुष्टि हुई तो पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया । 21 टिकटों की पहली सूची तैयार करते हुए भी ये ध्यान रखा गया और आगे भी किसी भी मामले के FIR दर्ज वाले दावेदारों को टिकट की रेस से दूर रखा जा रहा है।

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जाहिर है भाजपा इस बार चुनाव मैदान में उतरने के बाद किसी तरह का कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। भाजपा के इस फैसले पर कांग्रेस उसके पुराने जख्म कुरेदते हुए तंज कस रही है।

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छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में दागी प्रत्याशियों या फिर विधानसभा में विधायकों की मौजूदगी नई नहीं है। मौजूदा विधानसभा के 90 में से 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। जिनमें 12 विधायक यानी 13 फीसदी पर गंभीर अपराध के केस रजिस्टर हैं। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सत्ता और सियासत के साथ किस तरह अपराध का तालमेल बना हुआ है। वहीं बीजेपी ने दागियों को नो एंट्री कहकर अब कांग्रेस पर भी दबाव बढ़ा दिया है। इस दांव का कांग्रेस के पास क्या तोड़ है, ये देखना दिलचस्प होगा..?

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