Kawasi Lakhma Latest News: कवासी लखमा का नक्सल कनेक्शन?.. फंडिंग मामले पर पूछताछ की ख़बरें, डॉ महंत ने कही ये बात
इस नए मामले के सामने आने के बाद राज्य की राजनीति में घमासान मच गया है। अब देखना होगा कि जांच में आगे क्या खुलासे होते हैं और क्या वास्तव में कवासी लखमा का नक्सल कनेक्शन सामने आता है या यह सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा है।
Kawasi Lakhma Naxal Connection? || Image- IBC24 News File
- कवासी लखमा से नक्सल फंडिंग मामले में पूछताछ – जांच के बाद राजनीतिक हलचल तेज हुई।
- नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का दावा – कहा, "लखमा पर दबाव डालकर जबरन आरोप कबूल करवाने की कोशिश हो सकती है।"
- मंत्री केदार कश्यप का बयान – "नक्सल फंडिंग हुई तो दुर्भाग्यपूर्ण, कांग्रेस ने लखमा को लावारिस छोड़ दिया।"
Kawasi Lakhma Naxal Connection? : रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री कवासी लखमा इस समय शराब घोटाले के मामले में जेल में हैं। अब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) उनसे नक्सल फंडिंग से जुड़े सवाल भी पूछ रही है, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। इस पूरे मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कोयला और आबकारी घोटाले में कई नेता और अधिकारी पहले ही जेल में हैं। अब केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियां लगातार इन मामलों की जांच और कार्रवाई कर रही हैं। इसी कड़ी में EOW की दो सदस्यीय टीम ने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर कवासी लखमा से पूछताछ की। टीम ने उनसे नक्सलियों को फंडिंग से जुड़े सवाल किए। इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि उन्हें भी इस तरह की जानकारी मिली है, लेकिन इसकी सच्चाई का पता चलने के बाद ही वे कोई टिप्पणी करेंगे।
इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि आदिवासी नेताओं को टारगेट कर उन्हें जेल भेजने और बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि कवासी लखमा जेल से बाहर आएं, इसलिए अब नक्सली कनेक्शन के बाद नई जांच और आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि कवासी लखमा से किसी का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें नक्सल फंडिंग की बात कबूलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
वहीं, इस पूरे मामले पर राज्य सरकार के मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि अगर नक्सलियों को फंडिंग हुई है, तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पूरी जानकारी सामने नहीं आती, तब तक इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कवासी लखमा से मिलने के लिए भाजपा का कोई भी नेता जेल नहीं गया है और कांग्रेस ने ही उन्हें लावारिस की तरह छोड़ दिया है।
कुल मिलाकर, केंद्रीय और राज्य की जांच एजेंसियां अब लगातार कांग्रेस सरकार में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच कर रही हैं। वहीं, नक्सल फंडिंग से जुड़ी जांच ने कांग्रेस के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर दी है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा हमेशा यह आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस सरकार का नक्सलियों से संबंध रहा है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्रीय एजेंसियां यह साबित कर पाएंगी कि कांग्रेस या कवासी लखमा का नक्सली फंडिंग से कोई कनेक्शन था या नहीं?

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