RIPA scheme: भूपेश सरकार ने संवारी ग्रामीणों की जिंदगी, इस योजना के चलते युवाओं को नहीं करना पड़ रहा पलायन…
CM Baghel gave employment to youth through RIPA scheme कृषि आधारित मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण छत्तीसगढ़ पूरे देश में विख्यात है।
CM Baghel gave employment to youth through RIPA scheme
CM Baghel gave employment to youth through RIPA scheme : रायपुर। कृषि आधारित मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण छत्तीसगढ़ पूरे देश में विख्यात है। वहीं विकास की नई ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लेकर सुदृढ़ ग्रामीण अर्थव्यवस्था व आत्मनिर्भरता को नई दिशा देने वाली सीएम भूपेश की सराहनीय पहल रही है। भूपेश सरकार ने अपने प्रदेशवासियों से किए तमाम बड़े वादों को पूरा करके दिखाया है। सीएम ने शहर से लेकर गांव तक प्रत्येक युवाओं की जिंदगी संवार दी है। प्रदेश के विकास की ओर कदम बढ़ाते हुए सीएम ने शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने ऐसी योजनाएं संचालित की, जिनसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सके।
सीएम ने अपने तमाम योजनाओं से ग्रामीणों को दी सारी सुख-सुविधाएं
भूपेश सरकार ग्रामीणों के विकास के लिए किसानों की ऋण माफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, गौठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, हाट बाजार क्लीनिक योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क जैसी विभिन्न योजनाओं से छत्तीसगढ़ को नवा और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाया गया है।
भूपेश शासन में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से ग्रामीण युवाओं, महिलाओं एवं पुरुषों की जिंदगी संवर रही है। रीपा से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के सकारात्मक और बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं। ग्रामीण महिला-पुरुष, युवा अब खुद रीपा योजना अंतर्गत रोजगार प्राप्त कर अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। अब प्रदेश को अपनी रोज रोटी के लिए पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। सीएम ने प्रदेश में ही जनता की सारी सुख-सुविधाओं को उपल्बध करा दिया है।
वहीं अगर हम ग्रामीणों के रोजगार की बात करें तो रीपा योजना से युवाओं व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है। जैसा कि आप सभी जानते हैं। भूपेश सरकार की विशेष पहल से महिलाएं अब स्व-सहायता समूह में काम करके आमदनी में वृद्धि कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। भूपेश सरकार की ग्रामीण आजीविका मिशन से महिलाओं को मदद मिली है। भूपेश सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना गांव और ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाने माध्यम साबित होने लगी है।
रीपा से ग्रामीणों के जीवन में आया बदलाव
भूपेश कका की मंशा के अनुरूप गांवों के गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क गांवों को अब उत्पादक केन्द्र का रूप देने लगे है। प्रदेशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भूपेश सरकार ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (RIPA) के तहत लोगों को रोजगार दिया। वहीं राज्य की नई औद्योगिक नीति की तर्ज पर ग्रामीण उद्योग नीति बनाई, जिससे आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी जड़ से मजबूत हो सके।
इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि RIPA के कारण राज्य का हर एक गांव आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हो। वहीं इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के चयनित गौठानों को रूलर इंडस्ट्रियल पार्क RIPA यानी आजीविका के केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह योजना राज्य के ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को बेहतर रोजगार प्रदान करने का काम कर रही है।
रीपा के अंतर्गत गोविंदा गौठान से संवर रही ग्रामीणों की जिंदगी
रीपा के अंतर्गत गौठानों से ग्रामीण युवाओं को जिंदगी संवर रही है। गोविंदा गौठान में संचालित महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) में, यहां के ग्रामीण युवाओं ने उद्यमी बनने की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए रीपा से जुड़कर दोना-पत्तल बनाने का कार्य कर रहे हैं। उनके समूह के सदस्यों द्वारा बनाए जाने वाले दोना पत्तल की मांग उनके गांव सहित आसपास के क्षेत्र में दिनों दिन बढ़ रही है और दुकानदार भी उनसे दोना पत्तल खरीदने के लिए अधिक संख्या में जुड़ रहे हैं। इन युवाओं ने अपने मेहनत और ऊर्जा से विगत माह में 30 हजार मुनाफा कमा लिया है।
CM Baghel gave employment to youth through RIPA scheme : स्वसहायता समूह के अध्यक्ष रतन माझी बताते हैं कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी पैसों की किल्लत रहती थी। वह मेहनत मजदूरी करने जम्मू कश्मीर जाते थे परंतु जब उन्हें पता चला की छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) अंतर्गत आजीविका संबंधी रोजगार प्राप्त हो रहा हैं तब उन्होंने तत्काल रीपा से जुड़कर छत्तीसगढ़ शासन के मदद से दोना पत्तल बनाने की मशीन और पेपर कप बनाने की मशीन प्राप्त किये और आज उससे दोना पत्तल बनाकर लाभ विगत माह में हीं लगभग 30 हजार रुपये लाभ प्राप्त हो चुके हैं और अब रोजी मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता।

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