चुनाव से पहले सरकार को मिला बड़ा टेंशन! हड़ताल में बैठे प्रदेश भर के कर्मचारियों ने उठाया हैरान करने वाला कदम

Employees will give tension to the government: संयुक्त मोर्चा के 4 सूत्री एजेंडे में उन सभी मांगों को शामिल कर लिया गया है, जिसके लिए प्रदेश के सरकारी कर्मचारी लगातार संघर्ष करते आए हैं।

चुनाव से पहले सरकार को मिला बड़ा टेंशन! हड़ताल में बैठे प्रदेश भर के कर्मचारियों ने उठाया हैरान करने वाला कदम
Modified Date: June 22, 2023 / 07:18 pm IST
Published Date: June 22, 2023 7:16 pm IST

Employees will give tension to the government: रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कर्मचारी राजनीति में नया मोड़ आ गया है। अलग अलग मांगों को लेकर अलग-अलग प्रदर्शन करने वाले लगभग सारे कर्मचारी संगठन अब एक मंच पर आ गए हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी महासंघ और छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने मिलकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा नाम से नया मंच तैयार कर लिया है। संयुक्त मोर्चा के 4 सूत्री एजेंडे में उन सभी मांगों को शामिल कर लिया गया है, जिसके लिए प्रदेश के सरकारी कर्मचारी लगातार संघर्ष करते आए हैं। जो एजेंडा तैयार किया गया है सबसे ऊपर सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता देने की मांग रखी गई है। दूसरी मांग पेंशन को लेकर हैं।

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मोर्चा की मांग है कि राज्य के कर्मचारी और पेंशनरों को भी केंद्रीय कर्मचारी के समान देय तिथि से ही महंगाई भत्ता दिया जाए। तीसरे नंबर कांग्रेस के किए वादे को रखा गया है। सरकार से मांग की गई है कि जनघोषणा पत्र के अनुरूप राज्य के सभी कर्मचारियों को 8, 16, 24 और 30 साल पूरे होने पर चार स्तरीय वेतनमान दिया जाए। वहीं चौथी मांग पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को जल्द सरकार को सौंपने की रखी गई है। चुनाव से ठीक पहले बना ये संयुक्त मोर्च इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें मंत्रालयीन कर्मचारी संघ भी शामिल हुआ है.. और अब तक शिक्षक, स्वास्थ, और तृतीय वर्ग कर्मचारियों के कई संगठन एक दूसरे से विपरीत चलते थे, वो भी एक मंच पर आ गए हैं। ऐसे में इस मोर्चा से कोई भी आंदोलन का ऐलान हुआ तो सरकार का लगभग सारा काम ठप पड़ जाएगा। छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि इस स्थिति के लिए राज्य सरकार ही दोषी है।

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इधर राज्य सरकार के वादाखिलाफी को लेकर बस्तर में भी अतिथि शिक्षकों ने बोनस लेने से साफ इनकार कर दिया है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान में जिस पद पर रहकर वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं उन्हें सरकार के द्वारा उसी पोस्ट पर नियमितीकरण किया जाए। दरअसल राज्य सरकार ने इन्हें बोनस देने के नाम पर शिक्षक और सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं जबकि अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यह बोनस उनके लिए प्रमोशन नहीं बल्कि डिमोशन है, इसलिए वे बोनस नही लेना चाहते हैं। आज जिले के सभी अतिथि शिक्षकों ने बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बोनस को लेने से साफ इनकार कर दिया है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com