10 साल बाद भी झीरम कांड में मारे गए लोगों के परिवार को नहीं मिला इंसाफ, कौन है जो नहीं चाहता सामने आए सच?

10 साल बाद भी झीरम कांड में मारे गए लोगों के परिवार को नहीं मिला इंसाफ, कौन है जो नहीं चाहता सामने आए सच?! truth of Jhiram Ghati incident

10 साल बाद भी झीरम कांड में मारे गए लोगों के परिवार को नहीं मिला इंसाफ, कौन है जो नहीं चाहता सामने आए सच?
Modified Date: May 25, 2023 / 09:49 am IST
Published Date: May 25, 2023 9:49 am IST

रायपुर: truth of Jhiram Ghati incident  छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले को 10 साल पूरे चुके हैं। परिवर्तन यात्रा से लौट रहे कांग्रेस के काफिले में हुए हमले में 27 नेताओं समेत कुल 32 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें कई शीर्ष नेताओं ने अपनी जान गंवाई। बीते 10 सालों से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन NIA जांच के बाद भी नतीजा सिफर है।

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truth of Jhiram Ghati incident  झीरम घाटी में 10 साल पहले एक बड़े एंबुश के जरिए नक्सलियों ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की चुन-चुन कर हत्या की थी, राजनीतिक संहार का ये पहला मामला था। इस हमले से तमाम सियासी दल समेत पूरा देश सन्न था। सवाल भी उठा कि इस राजनीतिक हत्याकांड के पीछे कौन है? पहले जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अगुवाई में न्यायिक जांच आयोग की घोषणा की गई। फिर जांच NIA को सौंप दी गई। NIA की जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर बवाल हुआ। कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का लंबा दौर चला, जो आज भी जारी है।

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छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस सरकार में आई, तो अलग से न्यायिक जांच आयोग का गठन करने की घोषणा की। राज्य शासन ने 2 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन इस मामले में किया है, जिसकी सुनवाई भी शुरू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि पीड़ित परिवारों को अब तक इंसाफ नहीं मिल पाया इसका दुख है।

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झीरम हमले के 10 साल बीत गए हैं, लेकिन जिन्होंने अपनों को खोया, उन परिवारों को दर्द अब भी कम नहीं हुआ है। क्योंकि इंसाफ का एक कतरा भी उनके नसीब में नहीं आया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि NIA जैसी केंद्रीय संस्था के हाथों जांच का जिम्मा होने के बाद भी क्यों सामने नहीं आया झीरम घाटी का सच? एक सवाल ये भी है कि अगर आज सच सामने आ भी गया तो क्या होगा दोषियों का?

 

 

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