Chhattisgarh में राजभवन Vs सरकार! कई मुद्दों को लेकर खींचतान

Chhattisgarh में राजभवन Vs सरकार! कई मुद्दों को लेकर खींचतान। Raj Bhavan Vs Government in Cg! Controversy over many issues

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  • Publish Date - November 10, 2021 / 11:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से राजभवन और राज्य सरकार के बीच खींचतान आ रही है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर दोनों के आमने-सामने आए। ताजा मामला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान को लेकर है। जिसमें उन्होंने राज्यपाल पर राज्य सरकार के दो संशोधन विधेयकों को रोकने का आरोप लगाया है। इससे पहले जीरम जांच आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने पर राज्य सरकार अपनी नाराजगी जता चुकी है। राजभवन और राज्य सरकार के बीच जारी खींचतान ने राज्य में बहस का एक नया मोर्चा खोल दिया है।

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पिछले कुछ समय में देश के कई राज्यों में राज्य सरकार और राजभवन के बीच खींचतान की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी है। इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ का नाम भी शामिल है। जहां अलग-अलग मुद्दों को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव के हालात बने। इस खींचतान के बीच कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। इस बार टकराव की वजह राजभवन में पेंडिंग दो संशोधन विधेयक हैं। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया के सामने बयान दिया कि मंडी संशोधन विधेयक और विश्वविद्यालय संशोधन विधयक को हमने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर बिल पास किया। जो राज्यपाल के पास अभी भी अटका हुआ । हम कई बार राज्यपाल से मिल चुके हैं, आग्रह कर चुके हैं कि बिल अनुमोदित कर राज्य सरकार को वापस दिया जाए लेकिन वे अध्ययन के नाम से अभी तक रोक कर बैठी हैं। सीएम के बयान पर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर राजभवन को अपमानित करने का आरोप लगाया है। हालांकि बिल रोके जाने के सवाल पर राज्यपाल अनसुईया उइके का कहना है कि हम इस पर कानूनी सलाह ले रहे हैं।

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राजभवन और सरकार के बीच मंडी और विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को लेकर महीनों से जारी खींचतान के बीच अब जीरम जांच आयोग की रिपोर्ट की एंट्री भी हो गई है। दरअसल आयोग द्वारा राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने से कांग्रेस और राज्य सरकार ने नाराजगी जताई है। हालांकि राजभवन की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस ने राज्य सरकार से जीरम घाटी की विस्तृत जांच के लिए एक नए आयोग के गठन की मांग कर रही है। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बहुत जल्द निर्णय लेने की बात कही है। अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर से राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है।

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जीरम जांच आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक वकील ने राजभवन से जीरम मामले में की जा रही कार्यवाही की जानकारी मांगी है। कुल मिलाकर जीरम पर न्यायिक जांच आयोग द्वारा राजभवन को सौंपी गई रिपोर्ट और दो अटके बिलों को लेकर एक बर फिर सरकार और राजभवन आमने-सामने हैं। जिसे कांग्रेस संवैधानिक परंपराओँ का उल्लंघन बताकर निशाना साध रही है तो बीजेपी इसे राजभवन का अपमान बताकर सियासी माहौल गर्मा रही है।