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Dongargarh Waqf Board land: वक्फ बोर्ड की जमीन की जानकारी मांगना पड़ा भारी! समाज से बहिष्कृत कर किया प्रताड़ित, बाबर अंसारी ने मस्जिद कमेटी पर लगाए गंभीर आरोप
वक्फ बोर्ड की जमीन की जानकारी मांगना पड़ा भारी...Dongargarh Waqf Board land: Asking for information about Waqf Board land proved costly
Publish Date - April 19, 2025 / 02:23 PM IST,
Updated On - April 19, 2025 / 02:24 PM IST
Dongargarh Waqf Board land | Image source | IBC24
HIGHLIGHTS
वक्फ बोर्ड की जमीन की जानकारी मांगना पड़ा भारी,
अब्दुल बाबर अंसारी को समाज से बहिष्कृत कर किया गया प्रताड़ित,
मस्जिद कमेटी पर लगाए गंभीर आरोप,
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डोंगरगढ़: Dongargarh Waqf Board land: वक्फ बोर्ड की जमीन की जानकारी लेना डोंगरगांव निवासी अब्दुल बाबर अंसारी को इस कदर भारी पड़ गया कि उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने जैसे ही सुन्नी मुस्लिम जमात मस्जिद कमेटी से वक्फ की पांच जमीनों में से बेची गई चार और बेचने की तैयारी में लगी पांचवीं जमीन की जानकारी मांगी उसी वक्त उन्हें समाज में जलील कर बहिष्कृत कर दिया गया।
Dongargarh Waqf Board land: बाबर अंसारी जो पेशे से खाना बनाने का कार्य करते हैं ने आरोप लगाया है कि कमेटी के अध्यक्ष समेत 8 सदस्यों ने न केवल उन्हें काम से हटवा दिया बल्कि समाज में यह ऐलान करवा दिया कि कोई भी उनके हाथ का खाना नहीं खाएगा और उनसे कोई संबंध नहीं रखेगा। अब्दुल बाबर पहले से पैरालिसिस, बीपी और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उनके घर की बिजली भी काट दी गई।
Dongargarh Waqf Board land: अब्बास अंसारी ने मस्जिद कमेटी की तानाशाही और उत्पीड़न के खिलाफ राजनांदगांव एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि सिर्फ जानकारी मांगने पर उन्हें इस तरह से बहिष्कृत किया जाना न केवल अमानवीय है बल्कि गैरकानूनी भी। फिलहाल मामला पुलिस जांच के दायरे में है और अब देखना होगा कि प्रशासन इस उत्पीड़न के खिलाफ क्या कदम उठाता है।
अब्दुल बाबर अंसारी ने किस बात की जानकारी मांगी थी?
उन्होंने सुन्नी मुस्लिम जमात मस्जिद कमेटी से वक्फ की पांच संपत्तियों की जानकारी मांगी, जिनमें से चार बेची जा चुकी थीं और पांचवीं को बेचे जाने की तैयारी चल रही थी।
उनके साथ समाज ने क्या व्यवहार किया?
जानकारी मांगने पर उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया, उनके काम से हटवा दिया गया और उनके हाथ का खाना खाने पर पाबंदी लगा दी गई।
क्या अब्दुल बाबर की तबीयत पहले से ठीक नहीं थी?
हां, वे पहले से पैरालिसिस, बीपी और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, और अब आर्थिक तंगी के कारण उनके घर की बिजली भी काट दी गई है।
क्या उन्होंने प्रशासन से शिकायत की है?
जी हां, अब्दुल बाबर ने राजनांदगांव एसपी कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है।
प्रशासन ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
फिलहाल मामला पुलिस जांच के अधीन है। प्रशासन ने अभी तक कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की है, लेकिन जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।