राहत के फैसले…विपक्ष के सवाल! विपक्ष इन फैसलों पर क्यों उठा रहा सवाल?
राहत के फैसले...विपक्ष के सवाल!! Relief Decision...Opposition's Question! Why is the opposition raising questions on these decisions?
रायपुर: Why opposition raising questions on decisions? पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ रहे कीमतों के बीच छत्तीसगढ़ की जनता के लिए सोमवार का दिन राहत लेकर आया। भूपेश कैबिनेट ने डीजल पर दो फीसदी VAT और पेट्रोल पर एक फीसदी VAT घटाया। इस फैसले से पेट्रोल जहां 77 पैसे और डीजल 1 रुपए 44 पैसे प्रति लीटर सस्ता होगा। कैबिनेट की बैठक में कोरोना संक्रमण से उबर रहे हर सेक्टर को रफ्तार देने की भी भरपूर कोशिश हुई। कैबिनेट की बैठक में कौन-कौन से फैसलों को मिली मंजूरी पर विपक्ष इन फैसलों पर क्यों उठा रहा सवाल?
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Why opposition raising questions on decisions? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आम जनता के हित में कई बड़े फैसले लिए, सबसे बड़ी राहत सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर VAT घटाकर दी है। सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ में पेट्रोल अब 77 पैसे प्रति लीटर और डीजल 1 रुपए 44 पैसे प्रति लीटर सस्ता होगा। VAT कम करने से राज्य सरकार के खजाने पर एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। कैबिनेट की बैठक में जिन बड़े फैसलों पर मुहर लगी।
इन फैसलों पर लगी मुहर
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राज्य सरकार ने शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देते हुए शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति के प्रावधान को शिथिल किया, अब तीन साल में ही शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति हो सकेगा।
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कैबिनेट ने प्रदेश के स्कूलों को भी पूरी तरह अनलॉक करने का फैसला किया है।
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झीरम नक्सली हमले पर नए जांच आयोग को मंजूरी दी गई।
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सहकारी समिति की मांग पर उनके घाटे के लिये 250 करोड़ का प्रावधान किया।
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हुक्काबारों पर लगाम लगाने सरकार ने छत्तीसगढ़ संशोधन विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
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औद्योगिक प्रयोजन के लिए आपसी सहमति से निजी भूमि क्रय नीति में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
कैबिनेट ने धान से जुड़े भी कई अहम फैसले लिए, इसमें छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग के लिये खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में दिए 14.700 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति का 31 अक्टूबर 2022 तक पुनवैधीकरण करने का फैसला भी शामिल है। वहीं धान उपार्जन वर्ष 2020-21 में सहकारी समितियों को धान उपार्जन में हुए नुकसान से बचाने के लिए एकमुश्त राशि देने का फैसला लिया गया। कैबिनेट ने कई सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया में छूट देने का भी निर्णय लिया है। कोविड काल में प्रभावित हुई स्टील उद्योंगों को रफ्तार देने विशेष राहत पैकेज देने की वैद्यता को बढ़ाने का ऐलान भी किया गया। हालांकि विपक्ष कैबिनेट के फैसलों पर सवाल उठा रही है।
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जाहिर है प्रदेश में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तेल पर तकरार लगातार बढ़ती जा रही थी। बीजेपी पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर लगातार राज्य सरकार पर दबाव डाल रही थी। ऐसे में भूपेश कैबिनेट के फैसले से तेल पर जारी सियासत थमती है या नहीं? बड़ा सवाल है लेकिन ये तो तय है कि प्रदेश की जनता के लिए बड़ी राहत जरूर लेकर आएगी।
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