Resolve to make Guru Ghasidas University self-supporting Chhattisgarh

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय का स्वावलंबी छत्तीसगढ़ बनाने का संकल्प, कुलपति चक्रवाल बोले- मिलकर साकार करेंगे संकल्प

कुलपति चक्रवाल बोले- मिलकर साकार करेंगे संकल्प! Resolve to make Guru Ghasidas University self-supporting Chhattisgarh: says VC Chakrawal

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : May 6, 2022/7:14 pm IST

बिलासपुर: Guru Ghasidas University गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की अभिनव परिकल्पना को साकार करने का संकल्प माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने लिया है तथा इसके लिए एक वृहद कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिसके संबंध में माननीय कुलपति महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 04 मई, 2022 को सुबह 10 बजे बैठक आहूत हुई।

Read More: जींद में दोस्ती कर पूरी की हवस, फिर अश्लील वीडियो बनाकर दे रहा वायरल करने की धमकी, पीड़िता ने लगाया आरोप

रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना

Guru Ghasidas University माननीय कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से इस वृहद कार्ययोजना को मूर्तरूप देने के लिए तीव्र गति से प्रयास प्रारंभ कर दिये हैं। राज्य के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण से यहां के स्थानीय युवाओं के सर्वांगीण विकास के अपने सामाजिक दायित्वबोध के साथ स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए कुलपति प्रो. चक्रवाल ने शिक्षा जगत से जुड़े हुए विशेषज्ञों के साथ मंथन किया।

Read More: JIO ग्राहकों के लिए अच्छी खबर.. कंपनी ने लॉन्च किया नया प्लान, महज इतने रुपए में मिलेगा डेटा, फ्री कॉलिंग और Disney+ Hotstar 

छत्तीसगढ़ के युवाओं में असीम संभावनाएं

कुलपति महोदय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं में असीम संभावनाएं हैं। स्वावलंबी छत्तीसगढ़ में हमें इन्हें पहचानने तथा कौशल विकास के माध्यम से इनकी प्रतिभा को निखारने के साथ प्रस्तुतिकरण पर बल देते हुए उद्यमिता के गुणों का विकास करते हुए स्वावलंबी बनाना है। अपने पदभार ग्रहण करने के दिन से ही कुलपति महोदय युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। युवा विद्यार्थियों को रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार का सृजन करने वाला बनना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है बल्कि उस कार्य को संपादित करने वाला व्यक्ति कार्य के आकार, प्रकार, प्रतिष्ठा और ख्याति को निर्धारित करता है। स्वावलंबी विद्यार्थी समाज के हित के साथ ही राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अहम योगदान देता है।

Read More: KGF Chapter 2 ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, आमिर, सलमान की फिल्मों ने टेके घुटने, बनी दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म…

साहस एवं बुद्धि कौशल से संपन्न होगा

अभिनव पहल के इस संकल्प के अंतर्गत विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष से ही स्टार्ट अप के विषय में मूलबूत जानकारियां प्रदान कर उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। विद्यार्थी अध्ययनकाल के दौरान किसी पर भार नहीं होगा साथ ही वो भविष्य की चुनौतियों के लिए स्वावलंबन, साहस एवं बुद्धि कौशल से संपन्न होगा। विश्वविद्यालय और उद्योग जगत से जुड़े हुए विषय विशेषज्ञ विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं से अवगत कराने के साथ उनकी बारीकियों के विषय में जानकारी साझा करेंगे। बैठक में संस्था और उद्योग के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्णय लिया गया।

Read More: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दर्ज किए गए राजद्रोह के 300 से अधिक मामले, कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट कर साधा निशाना

स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, जिला उद्योग केन्द्र, जिला उद्योग संघ, सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए, एमएसएमई एवं राज्य के प्रतिष्ठित उद्यमियों से विचार विमर्श के साथ उद्योगों के अनुसार विश्वविद्यालय में जारी पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव भी किये जाएंगे। बैठक में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए राज्य एवं केन्द्रीय स्तर पर समन्वय एवं विश्वविद्यालय की अधोसंरचना के नवीनीकरण पर बल दिया गया।

Read More: शादी समारोह में भोज खाना पड़ा महंगा, 150 से ज्यादा लोग हुए बीमार 

 
Flowers