Vishnu Ka Sushasan. Photo Credit: CG DPR
रायपुरः Vishnu Ka Sushasan ‘भष्ट्राचार में लिप्त दोषी अधिकारी-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे’… ये शब्द हैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के। सुशासन को मूलमंत्र मानने वाली छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नए आयाम तो गढ़ ही रही हैं, साथ ही साथ प्रदेश से भष्ट्राचार को भी दूर करने की कोशिश कर रही है। साय सरकार किसी भी काम को गुणवत्ता के साथ करवा रही है। दूसरी ओर दफ्तरों में भी बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को भष्ट्राचार नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
Vishnu Ka Sushasan साय सरकार के आने के बाद हमारा प्यारा प्रांत छत्तीसगढ़ तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो चला है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने कार्यकाल के अल्प समय में कई चुनौतियों को पार करके कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में विकास की नई क्रांति आई है। साय सरकार ने किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी कई बड़े फैसले लिए हैं। इन्हीं में से एक सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाने का भी है। अभी तक प्रदेश में 57 विभाग थे, यह 58वां होगा। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद कर रहा है।
सुशासन एवं अभिसरण (गुड गवर्नेंस एंड कन्वर्जेंस) विभाग छत्तीसगढ़ में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है। इस विभाग के जरिए ई-समीक्षा, ई-लोक सेवा गारंटी और डिजिटल सचिवालय जैसी प्रमुख पहल को एकीकृत हुए, जिन्हें पहले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिपादित किया जाता था। इस विभाग का दखल दूसरे सभी 57 विभाग है। उन विभागों में जनता को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके समाधान पर यह विभाग सीधे काम कर रहा है। सरकारी तंत्र में लेटलतीफी और रिश्वत मामलों को निपटाने का जिम्मेदारी भी इस विभाग के पास है।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले ही भाषण में विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस पर जोर देते हुए कहा था कि उनकी सरकार भ्रष्ट अफसरों, कर्मचारियों को नहीं बख्शेगी। आम लोगों से रिश्वत के लिए परेशान करने वाले लोगों से उनकी सरकार सख्ती से पेश आएगी। विष्णुदेव का यह भाषण केवल बयानों तक नहीं रहा, इस पर अमल भी हो रहा है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी एसीबी- ईओडब्ल्यू में ऊपर से नीचे तक सब कुछ बदल दिया। छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जितनी कार्रवाई पिछले सरकार के कार्यकाल में हुई, उससे कई गुना ज्यादा कार्रवाई विष्णु देव साय की सरकार ने महज कुछ ही समय में कर दिया। कई सरकारी मुलाजिम रिश्वत लेते ट्रेप हो चुके हैं या किसी दूसरी तरह के भ्रष्टाचार में जेल की सलाखों में पहुंच चुके हैं।
भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या माना जाता है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक उपाय भी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के सबसे आम कृत्यों में किसी न किसी रूप में रिश्वतखोरी शामिल है। रिश्वत में किसी तरह के व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुचित एहसान और उपहारों का इस्तेमाल शामिल है। पूर्व सरकार के द्वारा सीएसआईडीसी के जेम पोर्टल पर लगी रोक को इस सरकार ने हटा दिया। जैम के माध्यम से फिर से खरीदी व्यवस्था को लागू कर दिया। दावा है कि जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी सामग्री की खरीदी आसानी से होने के साथ-साथ गुणवत्ता में वृद्धि और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।