Vishnu Ka Sushasan: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं! जीरो टॉलरेंस की नीति पर साय सरकार, बनाया सुशासन एवं अभिसरण विभाग, कई लोग पहुंचे सलाखों के पीछे

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं! जीरो टॉलरेंस की नीति पर साय सरकार, Sai government on zero tolerance policy, created good governance and convergence department

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  • Publish Date - February 25, 2025 / 03:18 PM IST,
    Updated On - February 25, 2025 / 03:18 PM IST

Vishnu Ka Sushasan. Photo Credit: CG DPR

HIGHLIGHTS
  • 'भष्ट्राचार में लिप्त दोषी अधिकारी-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे'
  • 2,161 करोड़ के कथित शराब घोटाले में कई लोग हुए गिरफ्तार
  • कोयला घोटाला में प्रदेश के कई अफसर खा रहे जेल की हवा

रायपुरः Vishnu Ka Sushasan ‘भष्ट्राचार में लिप्त दोषी अधिकारी-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे’… ये शब्द हैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के। सुशासन को मूलमंत्र मानने वाली छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नए आयाम तो गढ़ ही रही हैं, साथ ही साथ प्रदेश से भष्ट्राचार को भी दूर करने की कोशिश कर रही है। साय सरकार किसी भी काम को गुणवत्ता के साथ करवा रही है। दूसरी ओर दफ्तरों में भी बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को भष्ट्राचार नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।

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Vishnu Ka Sushasan साय सरकार के आने के बाद हमारा प्यारा प्रांत छत्तीसगढ़ तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो चला है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने कार्यकाल के अल्प समय में कई चुनौतियों को पार करके कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में विकास की नई क्रांति आई है। साय सरकार ने किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी कई बड़े फैसले लिए हैं। इन्हीं में से एक सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाने का भी है। अभी तक प्रदेश में 57 विभाग थे, यह 58वां होगा। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद कर रहा है।

क्या है सुशासन एवं अभिसरण विभाग

सुशासन एवं अभिसरण (गुड गवर्नेंस एंड कन्वर्जेंस) विभाग छत्तीसगढ़ में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है। इस विभाग के जरिए ई-समीक्षा, ई-लोक सेवा गारंटी और डिजिटल सचिवालय जैसी प्रमुख पहल को एकीकृत हुए, जिन्हें पहले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिपादित किया जाता था। इस विभाग का दखल दूसरे सभी 57 विभाग है। उन विभागों में जनता को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके समाधान पर यह विभाग सीधे काम कर रहा है। सरकारी तंत्र में लेटलतीफी और रिश्वत मामलों को निपटाने का जिम्मेदारी भी इस विभाग के पास है।

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सरकार बनते ही गुड गवर्नेंस पर जोर

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले ही भाषण में विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस पर जोर देते हुए कहा था कि उनकी सरकार भ्रष्ट अफसरों, कर्मचारियों को नहीं बख्शेगी। आम लोगों से रिश्वत के लिए परेशान करने वाले लोगों से उनकी सरकार सख्ती से पेश आएगी। विष्‍णुदेव का यह भाषण केवल बयानों तक नहीं रहा, इस पर अमल भी हो रहा है। भ्रष्‍टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली राज्‍य सरकार की एजेंसी एसीबी- ईओडब्‍ल्‍यू में ऊपर से नीचे तक सब कुछ बदल दिया। छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जितनी कार्रवाई पिछले सरकार के कार्यकाल में हुई, उससे कई गुना ज्यादा कार्रवाई विष्णु देव साय की सरकार ने महज कुछ ही समय में कर दिया। कई सरकारी मुलाजिम रिश्वत लेते ट्रेप हो चुके हैं या किसी दूसरी तरह के भ्रष्टाचार में जेल की सलाखों में पहुंच चुके हैं।

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भ्रष्टाचारियों के हौसले पस्त

भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या माना जाता है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने अनेक उपाय भी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के सबसे आम कृत्यों में किसी न किसी रूप में रिश्वतखोरी शामिल है। रिश्वत में किसी तरह के व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुचित एहसान और उपहारों का इस्तेमाल शामिल है। पूर्व सरकार के द्वारा सीएसआईडीसी के जेम पोर्टल पर लगी रोक को इस सरकार ने हटा दिया। जैम के माध्यम से फिर से खरीदी व्यवस्था को लागू कर दिया। दावा है कि जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी सामग्री की खरीदी आसानी से होने के साथ-साथ गुणवत्ता में वृद्धि और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।

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घोटालों पर सरकार की सख्ती

  • शराब घोटाला- वर्ष 2019 से 2022 तक 2,161 करोड़ के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई कर कईयों को सलाखों के पीछे भेज दिया है।
  • डीएमएफ घोटाला- जिला खनिज न्यास मद घोटाले के मामले में दोषी को उनकी कारगुजारियों को जेल में डाला जा चुका है।
  • सीजीपीएससी भर्ती घोटाला- राज्य सेवा परीक्षा में व्यापक स्तर पर हुई गड़बड़ियों पर सीबीआइ जांच चल रही है। जांच कराई।
  • कोयला घोटाला- कोयला परिवहन पर 25 रुपये की अवैध उगाही कर 540 करोड़ रुपये कोयला घोटाले में भी प्रवर्तन निदेशालय ने नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों को जेल भेज दिया।
  • आरटीई घोटाला- शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी आरटीई में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर एफआइआर के निर्देश दिए गए हैं।
  • महादेव एप घोटाला- 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बताए जा रहे महादेव एप घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
  • जमीन घोटाला- जमीन खरीदी-बिक्री में व्याप्त अनियमितताओं और धोखाधड़ी पर जांच चल रही है। इसे रोकने के लिए सुगम एप लांच किया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया है, जो प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का काम कर रहा है। इसके अलावा, एसीबी और ईओडब्ल्यू को मजबूत किया गया है, जिससे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है।

सुशासन एवं अभिसरण विभाग क्या है और इसका क्या कार्य है?

यह छत्तीसगढ़ सरकार का नया विभाग है, जो ई-समीक्षा, ई-लोक सेवा गारंटी और डिजिटल सचिवालय जैसी पहल को लागू कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बनाना है।

छत्तीसगढ़ में अब तक किन प्रमुख घोटालों पर कार्रवाई हुई है?

सरकार ने शराब घोटाला, डीएमएफ घोटाला, सीजीपीएससी भर्ती घोटाला, कोयला घोटाला, आरटीई घोटाला, महादेव एप घोटाला और जमीन घोटाले पर सख्त कार्रवाई की है, जिसमें कई अधिकारियों और नेताओं को जेल भेजा गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता के लिए क्या किया है?

सरकार ने जेम पोर्टल (GEM Portal) के माध्यम से सरकारी सामानों की खरीद फिर से शुरू की है, जिससे खरीद प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।

छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों पर अब तक कितनी कार्रवाई हुई है?

विष्णुदेव साय सरकार के कार्यकाल में अब तक कई सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते ट्रैप किया गया है, और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए लोगों को जेल भेजा गया है।