Sarangarh news: धड़ल्ले से उड़ रही नियमों की धज्जियां, पाताल में तब्दील हुई लीज पर दी खदानें

धड़ल्ले से उड़ रही नियमों की धज्जियां, पाताल में तब्दील हुई लीज पर दी खदानें leased mines converted into patala

Sarangarh news: धड़ल्ले से उड़ रही नियमों की धज्जियां, पाताल में तब्दील हुई लीज पर दी खदानें

Rules are being flouted indiscriminately, leased mines converted into patala

Modified Date: May 8, 2023 / 01:52 pm IST
Published Date: May 8, 2023 1:51 pm IST

सारंगढ़-बिलाईगढ़। क्षेत्र में शासन द्वारा लीज पर दी गई खदानें पाताल बन गई है, वहीं दूसरी ओर यहां संचालित क्रेशर और चुना भट्ठों के प्रदूषण ने आसपास के रहवासियों का जीना दूभर कर दिया है। गुड़ेली, कटंगपाली में 100 से अधिक क्रेशर और 50 से अधिक पत्थर खदान सहित दो दर्जन से भी अधिक चुना भट्ठा संचालित है, लेकिन नियमों को लेकर जिला प्रशासन व खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी धृतराष्ट्र बन बैठे हैं।

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ग्रामीणों व यहां कार्यरत मजदूरों से बात की गई तो बताया गया कि मौके पर न तो सुरक्षा के कोई उपाय किये गये हैं और न ही इन खदानों में आम आदमी के हित में शासकीय नियमों का पालन किया जा रहा है। बता दे कि जिन स्थानों पर बहुत अधिक शिकायत है। उनमें गुडेली, टीमरलगा, कटंगपाली शामिल है, जहां क्रेशर के संचालन के लिये खदानें चलाई जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां संचालित खदानों के अधिकांश संचालक रायगढ़ जिले से हैं। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के कई नियमों का पालन गुडेली, टिमरलगा व कटंगपाली में नहीं होता दिखाई दे रहा है क्योंकि इनमें से कई एनएच पर स्थित हैं और इनमें पूरी तरह से बाऊण्ड्री बनाकर घेराव तथा प्रति वर्ग फीट के हिसाब से वृक्षारोपण के नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।

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क्रेशर और खदानों से उड़ने वाली धूल के कारण आए दिन सड़क हादसे भी हो रहे है और बेगुनाह लोगो को अपनी जाने भी गवानी पड़ रही है। खदानों में होने वाले बड़े-बड़े विस्पोटो के कारण गांव के घरों और मंदिरो में दरारे पड़ रही है। खदानों और क्रेशर से निकलने वाली धूल के कारण लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। बावजूद इसके प्रशासन नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले क्रेशर, चुना भट्ठा और खदान चलाने वाले संचालकों के ऊपर अपना आशीर्वाद बनाए हुए हैं। अगर कोई ग्रामीण इनके खिलाफ शिकायत करने की सोचे तो उस ग्रामीण को क्रेशर और खदान संचालक झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी देते हैं। क्रेशर और खदान संचालकों के ऊंची पहुंच और पैसे के आगे प्रशासन भी नतमस्तक नजर आता है, जिसके कारण क्रेशर और खदान संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा कर लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सूरज तिवारी ने कहा है कि क्रसर उद्योग हो या चूना भठ्ठा पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन व आसपास के नागरिकों व मजदूरों की सुरक्षा की व्यवस्था होनी ही चाहिए। इसके लिए विधायक के माध्यम से कलेक्टर को समुचित व्यवस्था करने को कहा जाएगा। दूसरी ओर भाजपा नेता व पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अजय गोपाल ने कहा है कि क्षेत्र के अधिकांश क्रसर व चूना उद्योग में पर्यावरण संरक्षण मण्डल व खनिज अधिनियमों का भी पालन नहीं हो रहा है और न ही राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी) के अधिनियमों का ही पालन हो रहा है, जिसे सम्बंधित अधिकारियों को संज्ञान में लेना चाहिए। IBC24 से मेघनाथ भारती की रिपोर्ट


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