रायपुरः Vande Bharat: छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने सड़क पर आवारा घूम रहे मवेशियों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है और अब बीजेपी सरकार “गोधाम योजना” की शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत चरवाहे और केयरटेकर को प्रतिमाह 11 हजार रुपए से ज्यादा का मानदेय दिया जाएगा। इस योजना में क्या है खास और क्या इस योजना से सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं की सुरक्षा हो पाएगी ?
Vande Bharat: छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पशुधन संरक्षण को नई दिशा देने के लिए गौधाम योजना की शुरुआत करने जा रही है। योजना का स्वरूप इस तरह तैयार किया गया है कि निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ-साथ चरवाहों को 10,916 रुपए प्रतिमाह और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही मवेशियों के चारे के लिए प्रतिदिन निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को वहां रहने वाले प्रत्येक पशु के लिए पहले वर्ष 10 रुपए प्रतिदिन, दूसरे वर्ष 20 रुपए प्रतिदिन, तीसरे वर्ष 30 रुपए प्रतिदिन और चौथे वर्ष 35 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। गौधाम योजना के ड्राफ्ट को वित्त एवं पशुधन विकास विभाग से भी मंजूरी मिल चुकी है। प्रत्येक गौधाम में क्षमता के अनुसार अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में सड़कों पर गाय के कुचले जाने से अब तक सैकड़ों मवेशी और आम लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों बिलासपुर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान भी लिया था, लेकिन अब राज्य सरकार शुरूआत में गौधाम योजना को राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे गांवों में स्थापित करेगी। वही इससे पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने गोधन न्याय योजना लॉन्च की थी। जिसके तहत गौठानों को विकसित किया गया और ₹2 किलो में गोबर की खरीदी हुई। लेकिन बीजेपी ने तब इस योजना में भ्रष्टाचार का आऱोप लगाया था और अब कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी कांग्रेस शासनकाल की योजना को नाम बदलकर चलाने जा रही है।