IBC24 Surguja Samvad: राजनीति और विकास के मुद्दे आज सनातनी हो गए हैं, क्या सही दिशा पर अग्रसर हैं पक्ष और विपक्ष? जानिए क्या बोले समाजसेवी रघुनाथ पोद्दार
IBC24 Surguja Samvad: राजनीति और विकास के मुद्दे आज सनातनी हो गए हैं, क्या सही दिशा पर अग्रसर हैं पक्ष और विपक्ष? जानिए क्या बोले समाजसेवी रघुनाथ पोद्दार
Social worker Raghunath Poddar on Sanatani| Image Credit - IBC24
Social worker Raghunath Poddar on Sanatani: सरगुजा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24 द्वारा आज यानि 30 दिसंबर को सरगुजा संवाद का भव्य कार्यक्रम संभाग के अंबिकापुर में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव शामिल होंगे। साथ ही, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े , स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मौजूद रहेंगे। इनके अलावा संभाग के अलग-अलग क्षेत्र से विधायक भी सरगुजा संवाद के इस कार्यक्रम में पहुंचे हुए हैं।
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सरगुजा संवाद में संभाग के उजले कल का रोड मैप प्रस्तुत किया जा रहा जा। साथ ही उन हस्तियों का सम्मान भी होगा जो सरगुजा विकास में अग्रणी है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव के हाथों से इन हस्तियों को नवाजा जाएगा। बता दें कि, यह कार्यक्रम अंबिकापुर के रिंग रोड स्थित होटल पर्पल मार्केट में हो रहा है। इस समारोह का प्रसारण IBC24 पर किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे सेशन में युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, समाज सेवी रघुनाथ पोद्दार और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो के साथ चर्चा हुई। इस दौरान एंकर पुनीत पाठक ने रघुनाथ पोद्दार से सवाल किया कि राजनीति और विकास के मुद्दे आज सनातनी हो गए हैं, क्या पक्ष और विपक्ष सही दिशा पर अग्रसर हैं?
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समाजसेवी रघुनाथ पोद्दार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, जो स्थिति अभी राजनीति में बनी हुई है और जो देश में सनातन का मुद्दा बना हुआ है तो मेरे विचार से यह देश सनातनियों का है। राजनीति का शिकार होकर 1947 में बटवारा हो चुका है। उनका पक्ष ये था कि हम हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते और उसी तर्ज पर उन्होंने देश का बटवारा करवाया और जो भी दुर्भायवश होना था वो हो गया। पर, अब जो भवभाग बचा है मेरी नजर में वो सनातनियों का बचा हुआ है। मेरी नजर में सनातनियों की ये विचारधारा रही की उन्होंने अपने साथ सभी धर्मों का आदर करते हुए और सबको पनपने का मौका दिया। ऐसे में अब इनकी संख्या फिर बढ़ रही है और धीरे-धीरे कई प्रकार की कुरीतियां समाज में आ रही है। कुछ राजनीतिक कारणों से ये सब पनपी है। एक प्रकार से तुष्टीकरण की राजनीचि का नतीजा रहा कि संविधान में संशोधन कर-कर के अनावश्यक रूप से उनको सहूलियत दी गई, जो सनातनियों को नहीं मिली।

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