12 साल बाद नाबालिग को मिला न्याय, अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

Rape accused sentenced to life imprisonment : करीब 11 सालों तक आरोपी फरार रहा जिसको बाद में पुलिस ने 27 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया।

12 साल बाद नाबालिग को मिला न्याय, अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: November 11, 2022 2:53 pm IST

पेंड्रा : Rape accused sentenced to life imprisonment : शहर में एक नाबालिक बच्ची का अपहरण और बलात्कार करने के बाद गर्भवती करने वाले आरोपी को 12 साल बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। करीब 11 सालों तक आरोपी फरार रहा जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला पेंड्रा थाना क्षेत्र के सरखोर गांव का है। 9 जुलाई 2010 को यहां रहने वाली एक नाबालिग को गांव के ही आनंद गोंड नामक आरोपी मोटरसाइकिल में घुमाने के बहाने कारीआम गांव ले गया और वहां जंगल में उसके साथ बलात्कार किया।

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नाबालिग के गर्भवती होने पर घर से निकाला

Rape accused sentenced to life imprisonment : जब पीड़िता ने आरोपी को कहा कि वह पूरे मामले की जानकारी घरवालों को दे देगी तो आरोपी ने उसको शादी का आश्वासन दिया और कारीआम में ही एक किराए की घर में रखकर लगातार उसका दैहिक शोषण करता रहा। 1 महीने तक कारिआम में रखने के बाद जब उसको पता चला कि नाबालिग गर्भवती है, तो वह उसे छोड़ कर भाग गया और आरोपी के माता-पिता ने भी उस को घर से निकाल दिया। उसके बाद उसके मायके वालों ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका बेटा पैदा हुआ। वहीं पीड़िता के परिजनों ने आरोपी आनंद गोंड के खिलाफ 2 जुलाई 2012 को पेंड्रा थाना में मामला दर्ज कराया था।

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1 साल पहले हुई थी आरोपी की गिरफ्तारी

Rape accused sentenced to life imprisonment : करीब 11 सालों तक आरोपी फरार रहा जिसको बाद में पुलिस ने 27 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया। वहीं नाबालिग की उम्र कंफर्म करने के बाद एडीजे कोर्ट गौरेला की अपर सत्र न्यायधीश किरण थवाइत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 376 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि एक बिन ब्याही युवती का मां बनना हमारे समाज में अभिशाप के समान है। इसका सामना पीड़िता और उसके माता-पिता ने अकेले किया है और आरोपी घटना के बाद से फरार रहा है। ऐसे में यदि सजा में नरमी बरती गई तो समाज में अच्छा संदेश नहीं जाएगा और अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे एवं समाज में बेटियों के जीवन और असुरक्षित हो जाएगा। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नगाइच ने किया।

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