स्कूलों की अनोखी पहल से बच्चों को बस्ते की बोझ से मिली मुक्ति, केवल कॉपी और पेन लेकर आते हैं स्कूल

The children here do not carry school bags with them, due to the unique initiative of the schools

स्कूलों की अनोखी पहल से बच्चों को बस्ते की बोझ से मिली मुक्ति, केवल कॉपी और पेन लेकर आते हैं स्कूल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: December 15, 2021 12:09 am IST

बलरामपुरः जिले के रामचन्द्रपुर विकासखंड में एक नई पहल की गई है। यहां के चन्द्रनगर संकुल केंद्र के 8 स्कूलों में कोई भी बच्चा स्कूल बैग लेकर नहीं आता। स्कूल के हर कक्षा में एक अलमारी रखी गई है जिसमें बच्चे अपनी अलग-अलग विषयों की किताबें यहां रखते हैं। अलमारी के ऊपर बकायदा बच्चों के नाम लिखे होते हैं। स्कूलों की तरफ से बच्चों को किताबों के दो सेट दिए गए हैं एक स्कूल के लिए दूसरा घर के लिए बैग के टेंशन से मुक्ति मिलने से बच्चे खासे खुश हैं।

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चंद्रनगर संकुल केंद्र के प्रभारी ने बताया कि पहले पुरानी किताबों को रद्दियों के भाव में बेच दिया जाता था अब उसका एक सेट बनाकर बच्चों को प्रदान किया गया है। साथ ही टाई बेल्ट और आईडी कार्ड भी अभिभावकों के सहयोग से बच्चों को प्रदान किया गया है। वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे दूसरे स्कूलों में भी लागू करने की बात कही है।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।