फिर से सामने आया कांग्रेस सरकार में हुए कोल घोटाले का जिन्न, चिंतामणि महाराज को लेकर कांग्रेस ने बोला हमला |

फिर से सामने आया कांग्रेस सरकार में हुए कोल घोटाले का जिन्न, चिंतामणि महाराज को लेकर कांग्रेस ने बोला हमला

coal scam in Congress government:

Edited By :   Modified Date:  March 5, 2024 / 05:15 PM IST, Published Date : March 5, 2024/5:05 pm IST

coal scam in Congress government: रायपुर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में हुए कोल घोटाले का जिन्न एक बार फिर से सामने आया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है की तथाकथित कोल घोटाले में ED ने तत्कालीन कांग्रेस के विधायक चिंतामणि महाराज का नाम शामिल किया था। लेकिन अभी ACB की FIR में इनका नाम हटा दिया गया है। कांग्रेस इसे भाजपा में जाने पर सभी पाप धोने की बात कह रही है। तो वहीं चिंतामणि महाराज ने कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं । कांग्रेस केवल आरोप लगाते रहेगी। आखिर क्या है पूरा मामला देखिए इस खास रिपोर्ट में।

छत्तीसगढ़ में कोल घोटाले मामले को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी और नेता जेल में है। पिछले दिनों ED की पत्र पर ACB ने FIR की। अब इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस चिंतामणि महाराज पर आरोप लगा रही है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से कांग्रेस की सरकार के दौरान ईडी ने अनेक कार्यवाहियां की था।

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ईडी ने तथाकथित कोल घोटाला को लेकर तीन सालों तक जांच किया और जब कुछ हासिल नहीं कर पाई तो ईडी ने राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो को 11 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा। इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोल घोटाले को लेकर विस्तृत ब्यौरा भी दिया तथा इसमें कुछ लोगों के नाम भी सौंपा जिनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज किये जाने को कहा गया था।

सुशील आनंद ने कहा इस पत्र में ईडी ने जिन लोगों के नाम सौपा है, उनके सामने तथाकथित रूप से कितनी राशि प्राप्त हुई उसका उल्लेख भी किया है। इसी में 10वें क्रम पर ईडी ने तत्कालीन कांग्रेस के सामरी से विधायक चिंतामणी महराज के नाम का उल्लेख करते हुये 5 लाख रू. लिये जाने का दावा किया है। ईडी ने उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने को लिखा है।

सुशील आनंद ने कहा चिंतामणी महराज जो कांग्रेस के विधायक थे अब भाजपा में शामिल होकर भाजपा से सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार है। जैसे ही मोदी के वाशिंग मशीन में डाले गये उनके सारे पाप धुल गये। कमल छाप का ताबीज पहनकर वे ईमानदार हो गये। कांग्रेस ने कहा एक पत्र के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है तो फिर चिंतामणी महराज का नाम एफआईआर से बाहर क्यों किया गया, इसीलिये कि वे भाजपा में शामिल हो गये है। वहीं पूरे मामले पर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने खूब घोटाले किए हैं।

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एक बात तो स्पष्ट हो गया है जिन विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनके केस बंद होने के बाद भाजपा में शामिल होने की खबरें देखने और सुनने को मिलती है। ऐसे में अब देखना होगा कि चिंतामणि महाराज जब कांग्रेस में थे तब उनके खिलाफ हो रही जांच पूरी तरह से बंद होगी या नहीं? वहीं क्या कांग्रेस इस मुद्दे को गुना पाएगी?

कांग्रेस ने CM और चिंतामणि महाराज से पूछे 2 सवाल

चिंतामणी महराज प्रदेश की जनता को बताएं कि ईडी ने तथाकथित कोल स्केम में 5 लाख लेने का जो गंभीर आरोप लगा वह आरोप सही या गलत?

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बताएं कि ईडी के पत्र में चिंतामणी महराज के खिलाफ एसीबी को एफआईआर करने को लिखा है फिर किसके दबाव में एसीबी ने चिंतामणी महराज का नाम हटाया?

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