This cow dung is special, watchmen live in guarding! Will change your life

ये गोबर है खास, रखवाली में रहते हैं चौकीदार! बदल देगा आपकी ज़िंदगी, क्या है इस गोबर में जानिए

This cow dung is special, watchmen live in guarding : गोबर की चौकीदारी । जी हां, सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप गोबर की चौकीदारी करते हैं , और ये बात मंटूराम ने स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतायी । मौका था बीजापुर जिले के कुटरू में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम का ।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : May 19, 2022/4:20 pm IST

रायपुर । गोबर की चौकीदारी । जी हां, सुनने में अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरू में रहने वाले किसान मंटू राम कश्यप गोबर की चौकीदारी करते हैं , और ये बात मंटूराम ने स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतायी । मौका था बीजापुर जिले के कुटरू में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम का ।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

Read more : बॉक्स ऑफिस पर इस दिन होगा महामुकाबला, अक्षय को टक्कर देने आ रहे तीन सुपरस्टार, जानें क्या होगा ‘मेजर’ और ‘पृथ्वीराज’ का हाल 

मुख्यमंत्री को मंटूराम ने बताया कि मैं रात में टॉर्च लगा कर गोबर की चौकीदारी करता हूं , और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं । उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचते हैं । मंटूराम ने बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रु में बेचा है । बकौल मंटूराम पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है । कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे । इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे ।

Read more : बॉक्स ऑफिस पर इस दिन होगा महामुकाबला, अक्षय को टक्कर देने आ रहे तीन सुपरस्टार, जानें क्या होगा ‘मेजर’ और ‘पृथ्वीराज’ का हाल 

पत्नी के साथ शिफ्ट में चौकीदारी – मंटूराम गोबर की चौकीदारी रातभर करते हैं । उनके इस काम मे उनकी पत्नी भी साथ देती हैं । वे कहते हैं कि रातभर जागना संभव नहीं है । इसलिए वे और उनकी पत्नी दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं । रात में कुछ देर मैं फिर मेरी पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं ।

Read More: 6 साल की रोली बनी सबसे कम उम्र की डोनर, पांच अंग दान कर बचाई बच्चों की जान

आखिर क्यों पड़ी चौकीदारी की जरूरत- मंटूराम बताते हैं कि रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि गोबर कोई ले तो नहीं गया । वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है, तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है । एक दिन इकठ्टा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए । इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा ।

Read More: Indian mosques : इन मस्जिदों के नीचे है शिवलिंग और देवी-देवताओं की दुर्लभ मूर्तिया!, क्या है दावों में सच्चाई, पढ़ें पूरी खबर 

गोधन न्याय योजना से मिले रुपयों से रिपेयर कराया मकान – मंटुराम कश्यप ने बताया कि उनके पास 15 गाय- भैंसे हैं । अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं । उन्होंने बताया कि उनके मकान से पानी टपकता था । जिसे बहुत दिन से रिपेयर कराना चाहते थे । गोबर बेचकर मिले पैसे से उन्होंने मकान रिपेयर करा लिया है । मकान में प्लास्टर भी करा लिया है । अब छत से पानी टपकने की समस्या भी खत्म हो गयी है ।

 
Flowers