रायपुरः Vishnu ka Sushasan हमने बनाया है.. हम ही संवारेंगे के सिद्धांत पर चल रही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार निरंतर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रही है। प्रदेश में विकास के काम तो प्रदेश में पहले से बेहतर हो ही रहा हैं, साथ ही साथ नागरिकों की सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश में एक नई तरह की खुशहाली दिख रही है। नागरिकों की सुविधा के लिए साय सरकार ने ‘सुगम ऐप’ का शुभारंभ भी किया है। इस एप के शुरू होने से अब संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी के मामले काफी हद तक कम हो गए हैं। 21 अक्टूबर से लागू इस ऐप से जमीन की रजिस्ट्री भी हो रही है। लिहाज यह प्रदेश के नागरिकों के एक बेहतर सुविधा साबित हो रही है।
Vishnu ka Sushasan सरकार नागरिक सशक्तीकरण के लिए आगे भी रजिस्ट्री कार्य में अधिकाधिक टेक्नॉलाजिकल अनुप्रयोग तथा प्रक्रियागत सुधार की दिशा में प्रतिबद्ध है। सुगम ऐप संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। प्रायः ऐसी शिकायतें आती है कि रजिस्ट्री के पश्चात एक सामान्य आदमी कई प्रकार से फर्जीवाड़ा का शिकार हो जाता है। रजिस्ट्री दस्तावेज में दिया गया सम्पत्ति विवरण तथा मौके की स्थिति में अंतर होता है। एक सम्पत्ति कई लोगों को बेच दी जाती है। जिस जमीन का रजिस्ट्री किया जाता है, वह जमीन वास्तव में अस्तित्व में नहीं होती। ऐसी घटनाएं भी प्रकाश में आती रहती है कि रोड, रास्ता, उद्यान आदि की जमीन बेच दिया गया है। मौके में जितनी जमीन उपलब्ध है, उससे अधिक रकबा बेच दिये जाने की घटनाएं भी होती रहती है। ऐसी घटनाओं से आपसी लड़ाई-झगड़े तथा कोर्ट-कचहरी के मुकदमेबाजी में वृद्धि होती है। इन सबसे निपटने के लिए साय सरकार ने सुगम ऐप शुरू किया है। इस ऐप को 21 अक्टूबर से लागू किया गया, जिसके बाद से राज्य में 1200 से अधिक रजिस्ट्री की जा चुकी हैं।
सुगम ऐप अलग से कोई पंजीयन सॉफ्टवेयर नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्ति के फोटो और उसकी अवस्थिति (अक्षांश-देशांतर) को एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर में कैप्चर करने के लिए तैयार किया गया है। दस्तावेज लेखक, अधिवक्ता या पक्षकार इस ऐप का उपयोग करते हुए एनजीडीआरएस प्रणाली के माध्यम से दस्तावेजों का पंजीयन पहले की तरह ही कर सकते हैं। सुगम ऐप में पक्षकार को रजिस्ट्री के प्रकिया के दौरान अपना मोबाईल लेकर उस जगह में जाना होगा, जिस स्थान की रजिस्ट्री किया जा रहा है। उस स्थान में जाकर सुगम ऐप खोलकर ऐप में निर्देशित तीन कोणों अर्थात् सम्पत्ति के सामने, दाएं और बाएं से उस स्थान का फोटो लेना होगा। वह फोटो स्वतः ही रजिस्ट्रार के माड्यूल में ट्रांसफर हो जाएगा। उस स्थान की भौगोलिक स्थिति अर्थात् अक्षांश व देशांतर की स्थिति रजिस्ट्री पेपर में फोटो के साथ दर्ज हो जाएगी। इस प्रकार संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति का निर्देशांक रजिस्ट्री पेपर में स्थायी रूप से अंकित रहेगा, जिससे पक्षकार कभी भी उस स्थान पर जाकर संपत्ति की पहचान कर सकता है।
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