#SarkarOnIBC24: ‘सिंदूर’ vs ‘संविधान’.. मचा सियासी घमासान! क्या देश की महिलाएं और आमजन इन यात्राओं की होड़ से खुद को जोड़ पा रही है? देखिए ये वीडियो

'सिंदूर' vs 'संविधान'.. मचा सियासी घमासान! War on Operation Sindoor is now openly visible on the streets, Read

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Modified Date: May 20, 2025 / 12:05 AM IST
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Published Date: May 19, 2025 11:25 pm IST

रायपुरः SarkarOnIBC24: ऑपरेशन सिंदूर पर जो जंग है वह अब खुलकर सड़क तक दिखाई पड़ने लगी। छत्तीसगढ़ में भी इस पर सियासत जमकर गमाई। बीजेपी की तिरंगा यात्रा के जवाब में कांग्रेस ने संविधान बचाओ यात्रा निकाली। केंद्र में संविधान जरूर था लेकिन निशाने पर बीजेपी की तिरंगा यात्रा भी थी। कांग्रेस ने बीजेपी पर ऑपरेशन सिंदूर पर सियासी माइलेज लेने के आरोप लगाए और संविधान पर घेरा तो बीजेपी ने कांग्रेस को आईना दिखाते हुए संविधान के साथ खिलवाड़ करने वाली पार्टी बताया।

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SarkarOnIBC24: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सेना के सम्मान में कई आयोजन किए। बीजेपी कांग्रेस दोनों ही तिरंगा यात्राएं निकालकर सेना के शौर्य को सलाम कर रही हैं। अब भाजपा महिला मोर्चा सेना के सम्मान में सिंदूर यात्रा निकाल रही है। तय कार्यक्रम के मुताबिक 21 मई तक सभी जिलों में इसका आयोजन होगा जिसमें भाजपा की महिला पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। सिंदूर यात्रा में महिलाओं ने मांग में सिंदूर भरकर स्त्री शक्ति और पाकिस्तानी आतंकियों के विरुद्ध अपना आक्रोश दर्शाया। इधर बीजेपी की तिरंगा यात्रा पर पीसीसी चीफ ने पहले तो इसे ट्रंप की आभार यात्रा बताते हुए तंज कसा। अब कांग्रेस भी संविधान बचाओ यात्रा का आगाज कर चुकी है। जांजगीर में केंद्र सरकार के खिलाफ संविधान बचाओ यात्रा में पीसीसी प्रभारी सचिन पायलट, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास मंत समेत दिग्गज कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस ने संविधान बचाओ यात्रा के मंच से बीजेपी और आरएसएस को घेरते हुए इन्हें देश का संविधान खत्म करने वाला बताया।

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2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी ने संविधान की किताब लहराकर बीजेपी को एक झटका दिया है। अब कांग्रेस फिर संविधान बचाने के नाम पर रैलियां निकाल रही है। जिस पर बीजेपी ने कहा है कि असल में संविधान के साथ किसी ने खिलवाड़ किया तो वो कांग्रेस पार्टी। मोदी सरकार ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर और संविधान दोनों का मान बढ़ाने का काम किया। साफ है कि भारत-पाक तनाव के वक्त एकजुटता का संकल्प दिखाने वाले दल अब खुलकर ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद इसे अपने-अपने चश्मे से जनता को दिखाने में जुटे हैं। प्रदेश में भाजपा की सिंदूर यात्रा और कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा के बाद सियासी माहौल गमा गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है क्या देश की महिलाएं और आमजन ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर इन यात्राओं की होड़ से खुद को जोड़ पा रही है?

सिंदूर यात्रा क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

सिंदूर यात्रा भाजपा महिला मोर्चा द्वारा निकाली जा रही है, जिसका उद्देश्य सेना के शौर्य को सम्मान देना और महिला शक्ति का प्रदर्शन करना है। महिलाएं इसमें सिंदूर लगाकर देशभक्ति का प्रतीक प्रस्तुत कर रही हैं।

कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा किसके विरोध में है?

यह यात्रा केंद्र सरकार, विशेषकर बीजेपी और आरएसएस पर संविधान को कमजोर करने के आरोप लगाकर निकाली जा रही है। कांग्रेस इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा से जोड़ रही है।

क्या इन यात्राओं में आम जनता शामिल हो रही है?

राजनीतिक पार्टियां सक्रिय रूप से भागीदारी की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सवाल यही है कि क्या आम जनता और विशेषकर महिलाएं खुद को इससे सच में जोड़ पा रही हैं, या ये यात्राएं सिर्फ राजनीतिक प्रतीकात्मकता बनकर रह गई हैं।

क्या ऑपरेशन सिंदूर का इन यात्राओं से सीधा संबंध है?

हां, बीजेपी की सिंदूर यात्रा सीधे ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से प्रेरित है, जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक स्टंट बताकर संविधान यात्रा से जवाब दे रही है।

क्या यह यात्राएं 2024 चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं?

बिल्कुल, दोनों यात्राएं जनता को भावनात्मक और वैचारिक रूप से जोड़ने का चुनावी प्रयास हैं, ताकि 2024 के लोकसभा चुनावों में जनसमर्थन को पुख्ता किया जा सके।