CG Ki Baat: फील गुड कराते ऐलान..क्या खुश हुए किसान? मोदी कैबिनेट के 5 धाकड़ फैसलों के सियासी मायने क्या हैं? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Ki Baat: फील गुड कराते ऐलान..क्या खुश हुए किसान? मोदी कैबिनेट के 5 धाकड़ फैसलों के सियासी मायने क्या हैं? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Ki Baat | Photo Credit: IBC24
- 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई गई
- किसान क्रेडिट कार्ड ब्याज सब्सिडी योजना को भी आगे बढ़ाया गया
- कांग्रेस का विरोध, कहा – फैसले नाकाफी, किसानों की असली समस्याएं बनी हुई हैं
रायपुर: CG Ki Baat केंद्रीय कैबिनेट की 5 बड़े फैसले किसानों के लिए राहतों का ऐलान। जाहिर है इस ऐलान का फायदा पूरे देश के किसानों को होगा, लेकिन फैसले की टाइमिंग का संबंध क्या बिहार चुनाव से है। ये सवाल जानकार कर रहे हैं, दूसरा सवाल ये कि धान का समर्थन मूल्य फिर बढ़ा है, तो क्या छत्तीसगढ़ के किसानों को इस बढ़ी हुई MSP का कोई लाभ होगा। क्योंकि इससे पहले भी मूल्य बढ़ा था, तब भी कोई अंतर की राशि में उसे एडजस्ट कर दिया गया था। इसलिए ये सवाल मौजूं हो जाता है। एक सवाल ये भी है कि क्या कैबिनेट के फैसलों से किसानों को वो मिल पाया। जिसकी उसको अभी जरूरत है या फिर फैसलों के पीछे सियासी लाभ का कोई गणित काम कर रहा है?
CG Ki Baat केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए एक बड़ा फैसला करते हुए धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों की MSP बढ़ा दी है। बैठक में तय किया गया कि धान की नई MSP 2,369 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 69 रुपए ज्यादा है। कपास की नई MSP 7,710 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है। नई MSP से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार का कहना है कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% ज्यादा हो, इस बात का ध्यान रखा गया है।
इधर कांग्रेस ने इस फैसले को नाकाफी बताया। कांग्रेस का कहना है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली मोदी सरकार ने किसानों के लिए केवल हतोत्साहित किया है। किसान बढ़ते बिजली बिल से लेकर DAP खाद को लेकर परेशान हैं।
केंद्र सरकार ने ये भी तय किया है कि किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाया जाएगा ताकि जो किसान तय समय पर लोन चुकाते हैं उन्हें सब्सिडी का फायदा मिलता रहे। लेकिन कांग्रेस ने इस नाकाफी बताकर केंद्र सरकार को घेर रही है तो कुल मिलाकर सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के सवाल सियासी हैं या फिर सच में किसानों के हक में और बेहतर फैसलों की गुंजाइश बरकरार है?

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