शह मात The Big Debate: ‘हिंदू नहीं आदिवासी’ इस जंग की जरूरत क्या? क्या आदिवासी-हिंदू मुद्दे पर विवाद से कांग्रेस को लाभ होगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG News: 'हिंदू नहीं आदिवासी' इस जंग की जरूरत क्या? क्या आदिवासी-हिंदू मुद्दे पर विवाद से कांग्रेस को लाभ होगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG News | Photo Credit: IBC24
- कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का बयान – “गर्व से कहो हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं।”
- छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत ने समर्थन किया
- बीजेपी ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी राजनीति और वोट बैंक की साजिश का आरोप लगाया
रायपुर: CG News आज छत्तीसगढ़ की बात में मुद्दा है, आदिवासियों का धर्म क्या, क्या आदिवासी हिंदू नहीं हैं? ये पहले भी बहस और विवाद का विषय बना है। अब एक बार फिर कांग्रेस के नेताओं ने नारा दिया है कि, गर्व से कहो हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं हैं। ये बयान देने वाले मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता हैं लेकिन इस पर संग्राम छिड़ा है, छत्तीसगढ़ के पक्ष-विपक्ष के नेताओं में कांग्रेस ने मांग उठाई है कि जनगणना में आदिवासियों का हिंदुओं से अलग धर्म कोड होना चाहिए, तो बीजेपी ने पूरी ताकत लगाकर इसे कांग्रेस की वोट पॉलिटिक्स से जुड़ी विभाजनकारी सोच बताया, तो अबकी बार MP से शुरू हुई ये सियासी लड़ाई क्या छत्तीसगढ़ में जानबूझकर दोहराई जा रही है, क्या इससे किसी को लाभ होगा, क्या इसे जानबूझकर इसी समय उठाया जा रहा है? हर सवाल का जवाब लेंगे।
CG News मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के आदिवासियों को लेकर दिए इस बयान के बाद, सियासी बयानों से नए सिरे बहस छिड़ गई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समेत MP बीजेपी नेताओं ने इसे सीधे-सीधे कांग्रेस के हिंदू और हिंदुत्व विरोधी सोच से जोड़कर घेरा और सिंघार से अपनी बात पर माफी की मांग की।
सिंघार के बयान पर छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में भी तूफान उठ खड़ा हुआ, आदिवासी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने सिंघार के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि हमारी पूजा पद्धति हिंदुओं से अलग है, आगामी जनगणना में आदिवासियों का अलग कोड होना चाहिए। जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाते हुए जमकर कटाक्ष किया। कांग्रेस जातियों के नाम पर देश को तोड़ना चाहती है।
वैसे आदिवासियों को हिंदुओं से अलग बताने की होड़ नई नहीं है। कांग्रेस नेता अक्सर इस मुद्दे को उठाकर आदिवासियों को संख्या को जनगणना रोस्टर में हिंदुओं से अगल धर्म कोड के साथ दर्ज करने की वकालत करते रहे हैं। जिस पर बीजेपी बार-बार प्रहार कर उन्हें हिंदूविरोधी मानसिकता के लिए घेरती है। सवाल ये कि क्या आदिवासी क्या सोचते हैं। क्या वो खुद को हिंदुंओं से अगल दर्ज करवाना चाहते हैं?

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