Vishnu Ka Sushasan: सशक्तिकरण से समृद्धि की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ की महिलाएं, साय सरकार महतारी वंदन योजना साबित हुई संजीवनी, लिख रही विकास की नई इबारत
Vishnu Ka Sushasan: सशक्तिकरण से समृद्धि की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ की महिलाएं, साय सरकार महतारी वंदन योजना साबित हुई संजीवनी, लिख रही विकास की नई इबारत
Vishnu Ka Sushasan
- महतारी वंदन योजना से 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं
- अब तक 22 किश्तों में 14,306 करोड़ रुपये वितरित किए गए
- महिलाएं इस राशि से छोटे व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं
रायपुरः Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में साय सरकार ने सुशासन, पारदर्शिता और जनकल्याण को केंद्र में रखते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। खासतौर पर गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और आदिवासियों के लिए शुरू की गई योजनाओं ने सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है। इन्हीं योजनाओं में सबसे अधिक चर्चा और प्रभाव वाली योजना के रूप में महतारी वंदन योजना सामने आई है, जिसने राज्य में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर और सुरक्षित होंगी, तभी समाज और राज्य का समग्र विकास संभव है। इसी सोच के साथ सरकार ने महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की थी। इस योजना के जरिए प्रदेश की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं। 70 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही है। महतारी वंदन योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता का सहारा देकर केवल एक वित्तीय मदद नहीं की बल्कि उन महिलाओं के अधिकार, आत्मविश्वास और आत्म शक्ति को बढ़ाने का काम भी किया है। महतारी वंदन योजना अब एक आंदोलन बन चुकी है। इस योजना से लाभान्वित महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने घर-परिवार में भी बराबरी से निर्णय ले पा रही हैं।
माओवाद प्रभावित इलाकों की महिलाएं भी गदगद
Vishnu Ka Sushasan साय सरकार की महत्वकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाओं के लिए नया सवेरा लेकर आया है। कई महिलाएं तो इसके जरिए मिलने वाली राशि से अब बिजनेस को बढ़ाने में लगी हुई है। चाय बेचकर अपने और परिवार का भरण-पोषण करने वाली 65 वर्षीय कौशल्या सिंह ने बताया कि वह सरगुजा जिला कोर्ट के पास फुटपाथ पर चाय स्टॉल लगाती हैं। महतारी वंदन योजना से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल वो अपने चाय स्टॉल को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं माओवाद प्रभावित इलाकों की महतारियों के चेहरे पर इस योजना का लाभ पाकर गदगद है। बीजापुर जिले की चेरपाल निवासी बाकली हपका एवं लंकापल्ली निवासी वंदना मणी ने बताया कि हमारी छोटी-मोटी जरूरतें बच्चों की पढ़ाई उनके आम जरूरतें अब आसानी से पूरी हो रही है। उनका मानना है कि इस योजना से उनके जीवन में नया सवेरा आया है।
हर माह की आर्थिक सहायता से बदली जिंदगी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई महतारी वंदन योजना राज्यभर में सकारात्मक बदलाव ला रही है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की निश्चित आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जा रही है,अब तक 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि 22 किश्तों में उनके बैंक खातों में पहुंचाई जा चुकी है। जिससे घरेलू खर्चों की चिंता कम हुई है और महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। कबीरधाम जिले के ग्राम मझगांव की निवासी सतरूपा गंधर्व, जो मजदूरी पर निर्भर परिवार से हैं, इस योजना से लाभान्वित होकर आत्मविश्वास के साथ जीवन यापन कर रही हैं। तीन बच्चों की मां सतरूपा को अब तक 22 किस्तों में कुल 22,000 रुपये की सहायता राशि प्राप्त हो चुकी है। वे बताती हैं कि इस राशि से बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी सामग्री, घरेलू जरूरतें और व्यक्तिगत आवश्यकताएं आसानी से पूरी हो पा रही हैं। नियमित सहायता से उनके पास बचत भी रहने लगी है, जिससे आकस्मिक खर्चों की चिंता समाप्त हो गई है।
आर्थिक सशक्तिकरण से बदलती महिलाओं की तस्वीर
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, आत्मसम्मान तथा समाज में उनकी निर्णायक भूमिका को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा संचालित महतारी वंदन योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावी पहल के रूप में उभर रही है। यह योजना महिलाओं को नियमित आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ स्वरोजगार एवं आजीविका के नए अवसरों से जोड़ रही है। प्रतिमाह प्राप्त सहायता राशि का सदुपयोग कर महिलाएं छोटे-छोटे व्यवसाय प्रारंभ कर रही हैं, जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि परिवार और समाज में उनकी सशक्त पहचान भी बन रही है। जांजगीर-चांपा जिले के तहसील मुख्यालय चांपा के वार्ड क्रमांक 02 की निवासी उर्मिला यादव ने हर महीना महतारी वंदन योजना के अंतर्गत मिलने वाली एक हजार रूपए की राशि को बचाकर आर्टिफिशियल गहनों का व्यवसाय प्रारंभ किया। वर्तमान में वे घर से तथा साप्ताहिक हाट-बाजारों में गहनों का विक्रय कर प्रतिमाह लगभग 2000 रुपये की अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने लगी है।
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