असम की असली ‘बीमारी’ है जनसंख्या : मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा |

असम की असली ‘बीमारी’ है जनसंख्या : मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा

असम की असली ‘बीमारी’ है जनसंख्या : मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा

:   Modified Date:  February 13, 2024 / 05:39 PM IST, Published Date : February 13, 2024/5:39 pm IST

गुवाहाटी, 13 फरवरी (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उच्च जनसंख्या राज्य के लिए एक ‘‘बीमारी’’ है, जो विभिन्न मापदंडों में इसके प्रदर्शन को प्रभावित करती है।

शर्मा ने यह भी कहा कि राष्ट्रव्यापी स्वच्छता सर्वेक्षण में राज्य का खराब प्रदर्शन ‘सरकार के बजाय समग्र रूप से लोगों को प्रतिबिंबित करता है’। उन्होंने (इसे लेकर) ‘उचित नागरिक आंदोलन’ की वकालत की।

राज्य के बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए शर्मा ने कहा कि प्रतिशत की दृष्टि से राज्य के प्रदर्शन की तुलना अरुणाचल प्रदेश या मेघालय से नहीं की जा सकती, जिनकी आबादी असम से काफी कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिशत के संदर्भ में हमारी जनसंख्या का बोझ हमारे प्रदर्शन को प्रभावित करता है।

उन्होंने विपक्षी कांग्रेस विधायक भरत चंद्र नारा के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘आबादी की तुलना में छात्रों की संख्या’ प्रतिशत का मूल्यांकन करती है। नारा ने कहा था कि असम का सकल दाखिला अनुपात (जीईआर) राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम है।

नारा ने यह भी कहा था कि हालिया सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार असम का जीईआर 16.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27.1 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि अधिकांश अन्य पूर्वोत्तर राज्यों का प्रतिशत असम से बेहतर है, उनमें से कुछ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है।

कांग्रेस विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा, ”हमें बीमारी पर हमला करना है, लक्षणों पर नहीं और हमारी बीमारी जनसंख्या है।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि जीईआर पर विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण में महाविद्यालयों की भागीदारी पहले राज्य में कम थी, जिससे राज्य की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, सभी ने उच्च शिक्षा सर्वेक्षण में उचित रूप से भाग लिया और जब अगले वर्ष परिणाम आएंगे, तो हम 23-24 प्रतिशत पर होंगे, जो राष्ट्रीय औसत के करीब है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में खराब प्रदर्शन को लेकर राज्य और उसके शहरों, खासकर सबसे बड़े शहर गुवाहाटी की आलोचना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे निपटने के लिए एक उचित नागरिक आंदोलन की जरूरत है।

इस बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्री अजंता निओग ने राज्य विधानसभा में कहा कि पिछले तीन वर्षों में असम में 3,700 से अधिक बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें से 3,400 से अधिक को विभिन्न एजेंसियों ने बचाया भी है।

कांग्रेस विधायक भास्कर ज्योति बरुआ के एक सवाल का जवाब देते हुए निओग ने कहा कि 2021 से 2023 तक कुल 3,779 बच्चों के अपने घरों से लापता होने की सूचना मिली है।

भाषा सुरेश माधव

माधव

 

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