वर्दी पहनकर लड़की खुलेआम कर रही थी ये काम, पुलिस ने रंगे हाथों दबोचा, सच्चाई जान चौंक जाएंगे आप

वर्दी पहनकर लड़की खुलेआम कर रही थी ये काम, पुलिस ने रंगे हाथों दबोचा, सच्चाई जान चौंक जाएंगे आप

  •  
  • Publish Date - July 6, 2021 / 06:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

भोपाल। आपको याद होगा कुछ समय पहले भोपाल में एक युवक क्राइम ब्रांच का सिपाही बनकर लूट कर रहा था। पुलिस उस आरोपी युवक को सबक सिखा चुकी है। मगर एक बार फिर राजधानी भोपाल में एक युवती को गिरफ्तार किया है, जो खाकी वर्दी पहनकर रौब दिखा रही थी। लोगों से वसूली कर रही थी।

Read More News: तीसरी लहर की दस्तक? गांव में 10 दिनों के भीतर 3 बच्चों की सर्दी, जुखाम और बुखार से मौत, मचा हड़कंप 

किसी अंधे के हाथ बटेर लगने की कहानी राजधानी भोपाल की उस घटना पर फिट बैठती है। जिसमें एक युवती खाकी वर्दी पहन स्थानीय लोगों पर पुलिसिया अंदाज में रौब झाड़ती पकड़ी गई। शाम होते ही प्रिया अहिरवार नाम की इस फर्जी पुलिस का पुलिसिया अंदाज शुरू होता और देर रात तक वसूली के साथ खत्म होता था। निशातपुरा थाना पुलिस ने प्रिया अहिरवार नाम की युवती को वसूली करते रंगे हाथों पकड़ा। गिरफ्तार होने पर युवती जेल न भेजने की मिन्नते करने लगी। हालांकि पुलिस ने FIR दर्ज कर जमानती मुचलके पर छोड़ दिया।

<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/CBnhxcPs5aE” title=”YouTube video player” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>

Read More News: गरीबों के मकान में डाका? सरकारी नौकरी वाले ही नहीं आलीशान बंगले के मालिक को भी अलॉट हुआ BSUP क्वार्टर 

आईबीसी-24 की पड़ताल में सामने आई ये बात

पुलिस की पहचान उसके काम से ज्यादा खाकी वर्दी यानि कि यूनिफॉर्म से होती है। मगर दुकानदारों के लिए खाकी वर्दी बेचना या सिलना सिर्फ कमाई का जरिया है। इसे खरीदने वाला कौन है। उसने वर्दी खरीदने के लिए क्या प्रमाण और प्रूफ दिए। इससे दुकानदार को कोई लेना-देना नहीं। आईबीसी-24 ने जहांगीराबाद की कुछ दुकानों पर पड़ताल की। वर्दी किसने खरीदी। कहां पदस्थ है। इसका रजिस्टर में जिक्र करते हैं। तो कई दुकानदार आईकार्ड देखकर वर्दी थमा देते हैं।

Read More News: कोरोना ने छीन ली लाखों युवाओं की रोजी-रोटी, स्ट्रीट वेंडर बनकर भविष्य संवारने का सपना देख रहे 10 से अधिक शिक्षित बेरोजगार  

खाकी वर्दी सिलने वाले सिर्फ आईडेंटी कार्ड देखकर किसी अंजान को वर्दी दे रहे हैं। आईडेंटी कार्ड असली है या नकली। इसकी पड़ताल नहीं करता। जो कई गंभीर सवाल भी खड़े कर रहा है। क्योंकि ऐसे तो फिर कोई आतंकी या कुख्यात बदमाश किसी बड़ी घटना को भी अंजाम दे सकता है। ऐसे में अफसरों को वर्दी बेचने और सिलने को लेकर सख्त नियम बनाने चाहिए। ताकि वर्दी पर कोई दाग न लगे।

Read More News: बंटी-बबली ने लगाया 12 करोड़ रुपए का चूना, पोस्ट ऑफिस में पैसे लगाने के नाम पर की धोखाधड़ी