बीजापुर /सुकमा /रायपुर। बीजापुर के तर्रेम में बीते 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर मन्हास की रिहाई की पहल शुरू हो गई है, केंद्र ने राज्य को 9 मध्यस्थों के नाम सुझाए हैं, हालाकि कि अभी नामों को उजागर नहीं किया गया है, ऐसा माना जा रहा है कि सिविल सोसाइटीज से जुड़े बस्तर के आदिवासी नेता मध्यस्थ बनाए जा सकते हैं।
नक्सलियों ने कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर मन्हास को बीते 5 दिनों से कैद कर रखा है, नक्सलियों ने प्रेस नोट करके और आईबीसी संवाददाता को फोन कर इस बात की जानकारी दी थी कि मुठभेड़ के बाद लापता जवान उनके कब्जे में है, और सरकार यदि मध्यस्थों की घोषणा करती है तो जवान को वे सुरक्षित रिहा कर देंगे।
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इधर जम्मू में रहने वाले जवान के परिजनों ने भी जवान को रिहा करने की अपील की थी, जवान की पत्नी, मां और बेटी ने उन्हे सकुशल छोड़ देने की मांग की थी, वहीं बीजापुर से ही आने वाले भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने भी नक्सलियों से जवान को मानवता के आधार पर जल्द से जल्द और नि:शर्त छोड़ने की अपील की है।
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इसके पहले कल नक्सलियों ने कहा था कि स्थानीय स्तर पर जवान की रिहाई नहीं होगी, सरकार को मध्यस्थों की घोषणा करना होगा, मध्यस्थों को ही जवान को सौंपा जाएगा।
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