ग्वालियर। भारत में चीनी सामान के बहिष्कार के कितने भी आंदोलन किए जाएं। लेकिन सरकार में बैठे नुमाइंदे इन्हें इस्तेमाल करने की अधिकृत अनुमति दे रहे हैं। ज्यादा हैरान करने वाली बात तो ये है कि कोविड की महामारी के बीच चीन की ऑक्सीजन मशीन, मरीजों की जान ले रही हैं।
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ताजा मामला ग्वालियर से जुड़ा हुआ है। जहां सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चौथी मंजिल पर बने कोविड आइसीयू में शनिवार को लगी आग हाईफ्लो आक्सीजन मशीन में विस्फोट होने से भड़की है। तीन महीने पहले 29 अगस्त को भी यहां पर हाईफ्लो आक्सीजन मशीन में आग लगी थी, लेकिन तब कोई हताहत नहीं हुआ था। तो मामला सुर्खियों में नहीं आया। लेकिन अब दो मरीज झुलसने और दो की मौत होने से इस आधुनिक अस्पताल में लगाई गईं मशीनों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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विशेषज्ञों की रिपोर्ट ये बता रही है कि चीन की हाई फ्लो नोजल कैनुला मशीन भरोसेमंद नहीं है। ये कभी भी आग पकड़ लेती है और इसमें धमाका हो जाता है। जिसका उदाहरण ग्वालियर जयारोग्य अस्पताल की जांच रिपोर्ट में इस मशीन का नकारात्मक हिस्सा सामने आया है। इससे पहले शिवपुरी, इंदौर और उज्जैन में इस मशीन से हादसे हो चुके हैं। खुद कंपनी ने ही अक्टूबर महीने में एक नोटिफिकेशन जारी कर सरकार को इन मशीनों के बदलने के लिए चेताया था।
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प्रदेश के शिवपुरी, इंदौर और उज्जैन में इस मशीन से हादसे हो चुके हैं। खुद कंपनी ने ही अक्टूबर महीने में एक नोटिफिकेशन जारी कर सरकार को इन मशीनों के बदलने के लिए चेताया था।
बता दें कि जुलाई 2020 में प्रदेश के अस्पतालों में सरकार ने चीनी हाईफ्लो मशीनों को लगाया था। चीन के हांगकांग की विंनसेंट मेडिकल कंपनी की मशीनों को इंदौर की डिसेंट सर्जीकल कंपनी ने सप्लाई किया था। एक मशीन की कीमत लगभग दो लाख 20 हज़ार है और मध्यप्रदेश में ऐसी 400 मशीनें लगाई गई हैं। जिसमें ग्वालियर में भी 68 मशीनें भेजी गई हैं। मध्य प्रदेश के कई जिलों में इन मशीनों से हादसे हो चुके हैं।
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सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 14 जुलाई को हाई फ्लो मशीन से आग लग गई थी।
शिवपुरी के जिला अस्पताल में तेज धमाके के साथ हाई फ्लो मशीन में आग लग गई थी।
बुरहानपुर में हाई फ्लो मशीन फटने से एक मरीज की मौत हो गई थी।
21 नवंबर को ग्वालियर सुपर स्पेशलिटी के कोविड सेंटर में आग लगी थी। जिसमें 2 मरीज की मौत हो गयी थी। शुरूआती जांच में समाने आया है। अस्पताल में यहीं मशीन फटने से आग लगी है।
बहरहाल चीनी कंपनी की हाईफ्लो आक्सीजन मशीन सूबे में कोविड के मरीजों की जान ले रही है। ऐसे में देखना होगा कि शिवराज सरकार इन मशीनों पर कब एक्शन लेती है।
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