शिकारियों को पकड़ने अकेले ना जाएं वनरक्षक, शातिर शिकारी ने की थी वनकर्मी की हत्या
शिकारियों को पकड़ने अकेले ना जाएं वनरक्षक, शातिर शिकारी ने की थी वनकर्मी की हत्या
ग्वालियर । आरोन के जंगल में सोमवार की सुबह बांस का प्लांटेशन देखने जा रहे, वनरक्षक दीपू राणा की शिकारी ने गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले के बाद वन विभाग ने शिकारियों से निपटने के लिए नई रणनीति शुरु कर दी है। इस मामले मे डीएफओ अभिनभ पल्लव का कहना है कि उन्होंने सभी वनरक्षकों को निर्देश दिए हैं। वो ग्रुप में ही किसी को पकड़ने के लिए जाएं अकेले कतई न जाएं और अकेले जाना पड़े तो शिकारियों को पकड़ने की कोशिश न करें। डीएफओ ने साफ कर दिया है कि जंगलों में खनन माफिया और शिकारियों के खिलाफ वो सख्ती के साथ निबट रहे हैं।
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दरअसल में सोमवार को वनरक्षक दीपू राणा को जंगल में बंदूक के साथ शिकारी नजर आने पर उन्होंने उसके पीछे दौड़ लगा दी। शिकारी भागते हुए अचानक रुका और गोली चला दी। गोली वनरक्षक के सीने पर लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। गोली चलाने के बाद शिकारी जंगल में भाग गया।
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वहीं वन विभाग को ये भी पता चला है कि वन रक्षक दीपू राणा को मारने वाला रामकिशन शातिर शिकारी ही नहीं, वन्य प्राणियों की खाल और अंग बेचने वाला तस्कर भी है। ढाई साल पहले रामकिशन और उसके साथियों ने मिलकर शिवपुरी माधव नेशनल पार्क में तेंदुए का शिकार किया था। उसकी खाल को गेट नंबर 14 के पास ठिकाने लगाने की कोशिश थी। तभी उससे दुश्मनी रखने वालों ने वन विभाग को सूचना दे दी। इस पर तेंदुए की खाल मिली और छह लोग पकड़े भी गए। लेकिन रामकिशन भाग गया और तभी से वह फरार चल रहा है। उसके नाम से गिरफ्तारी वारंट भी निकला हुआ है। वन्य जीवों का शिकार करने में माहिर रामकिशन तभी से जगह बदल-बदलकर रह रहा है।

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