ग्वालियर: गुना-शिवपुरी सांसद के यादव को जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। जिला प्रशासन द्वारा निरस्त किए गए जाति प्रमाण पत्र पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बता दें कि बीते दिनों मुंगावली एसडीएम ने केपी यादव और उनक बेटे का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था। इसके बाद केपी यादव और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
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दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव के चुनावी मैदान में कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर चर्चा में आए केपी यादव और उनके बेटे सार्थक यादव का जाति प्रमाण पत्र मुंगावली एसडीएम ने रद्द कर दिया था। मामले में मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव शिकायत की करते हुए कहा था कि केपी यादव ने साल 2014 में दिसंबर माह में पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था। वहीं, उनके बेटे ने साल 2019 जुलाई में जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था। बृजेंद्र सिंह ने अपने शिकायत में यह भी कहा था कि केपी यादव ने अपने शपथ पत्र में 5 लाख रुपए से कम दर्शाया है, जबकि उनकी वास्तविक आय से कहीं ज्यादा है। उन्होंने अपनी आय 8 लाख रुपए कम दिखाई थी।