अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार, शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में गायन सुनिश्चित करने के निर्देश

अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार, शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में गायन सुनिश्चित करने के निर्देश

अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार, शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में गायन सुनिश्चित करने के निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: November 20, 2019 9:58 am IST

रायपुर। राज्य शासन द्वारा डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार.. को राज्य गीत घोषित किया गया है। इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र 18 नवम्बर 2019 में प्रकाशित कर दी गई है। अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही राज्यगीत प्रभावशील हो गया है।

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छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य शासन के सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मण्डल, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर छत्तीसगढ़ राज्य गीत का गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारम्भ में किए जाने के निर्देश जारी किया गया है।

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डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य गीत घोषित किया है, निम्नानुसार है..

‘‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँँया ।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मँउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियाँ,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियाँ,
नाँदगाँवे नवा करधनियाँ
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )

संतोष पांडेय ने बेबाकी से रखी अपनी बात

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