आंखफोड़वा कांड दोहराने से बचा लिया, मोतियाबिंद ऑपरेशन से पहले संक्रमित मिले आईवी फ्लूड, बच गई मरीजों के आंखों की रोशनी

आंखफोड़वा कांड दोहराने से बचा लिया, मोतियाबिंद ऑपरेशन से पहले संक्रमित मिले आईवी फ्लूड, बच गई मरीजों के आंखों की रोशनी

आंखफोड़वा कांड दोहराने से बचा लिया, मोतियाबिंद ऑपरेशन से पहले संक्रमित मिले आईवी फ्लूड, बच गई मरीजों के आंखों की रोशनी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: October 25, 2019 3:43 am IST

रायपुर,छत्तीसगढ़। भीमराव अंबेडकर अस्पताल में सजगता से एक बड़ी लापरवाही होने से टल गई। नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों ने समय रहते आईवी फ्लूड में खतरनाक फॉरेन बॉडी पार्टिकल की पहचान की है, जिससे बड़ी घटना होने से टल गई। दरअसल डॉक्टरों ने मरीज की मोतियाबिंद सर्जरी प्लान की थी, जिसको लेकर ऑपरेशन की तैयारियां पूरी की गईं। इस दौरान प्रोटोकॉल के तहत नर्स और टेक्नीशियन ने स्टरलाइजेशन रिपोर्ट देखने के साथ उपकरणों की जांच की।

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इसी दौरान आंख में डालने वाली दवा आईवी फ्लूड को जब जांचा गया तो उसमें फॉरेन बॉडी पार्टीकल यानी खतरनाक तत्व दिखाई दिए, जिसके बाद यहां सभी सकते में आ गए। तुरंत इसकी सूचना ड्यूटी डॉक्टर और विभागाध्यक्ष तक पहुंचाई गई। अब इस खुलासे के बाद एक खास बैच नंबर के आईवी फ्लूड के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और सप्लाई करने वाली सरकारी एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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इस आईवी फ्लूड को गोवा की फ्रेसेनियस काबी कंपनी से खरीदा गया था। बता दें कि ऐसे आईवी फ्लूड को संक्रमित माना जाता है। आंख में दवा डालने पर ये रोशनी भी छीन सकता था। पहले भी प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

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