पीएससी में 27 फीसदी आरक्षण पर रोक के बाद 400 से अधिक पदों पर नियुक्तियां होंगी प्रभावित | More than 400 posts in PSC will be affected after 27% reservation ban

पीएससी में 27 फीसदी आरक्षण पर रोक के बाद 400 से अधिक पदों पर नियुक्तियां होंगी प्रभावित

पीएससी में 27 फीसदी आरक्षण पर रोक के बाद 400 से अधिक पदों पर नियुक्तियां होंगी प्रभावित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : January 29, 2020/7:53 am IST

भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी कर एमपी पीएससी की भर्तियों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी। कोर्ट ने पीएससी की भर्तियों में पूर्व निर्धारित 14 फीसदी ओबीसी आरक्षण से अधिक लाभ न दिए जाने की शर्त लागू कर दी है। इससे मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही 400 से अधिक पदों पर नियुक्तियां प्रभावित होंगी। यही इस रोक के बाद प्रदेश में सरकार के 27 फीसदी आरक्षण करने पर भी संकट पैदा हो गया है।

पढ़ें- CAA का विरोध: बिना अनुमति निकाली रैली, पुलिस ने दर्ज किया धारा 144 का केस

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने भले ही वचन पत्र के वादे को पूरा करने के लिए 27 फीसदी आरक्षण को लागू करने की मंजूरी दी हो पर कोर्ट ने पीएससी की परीक्षा में इस आदेश पर रोक लगाकर ओबीसी आरक्षण की सीएम बढ़ाने के सरकार के फैसले पर संकट पैदा कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश में शासन द्वारा जारी आरक्षण संशोधन अधिनियम-2019 को चुनौती दी गई थी।

पढ़ें- ‘शहरी बेरोजगारों को 5 हजार भत्ता देगी सरकार, पीएससी में 27 फीसदी आर.

इस संशोधन के जरिए ओबीसी के लिए पहले से निर्धारित 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण किया गया था। याचिका में दलील दी गई संशोधन के कारण प्रदेश में आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से बढ़कर 63 हो गया है। इससे पीएससी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी। इसलिए ओबीसी आरक्षण पूर्ववत लागू करने की व्यवस्था दी जाए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांत के अनुरूप राज्य शासन द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण किसी भी सूरत में नहीं दिया जा सकता। हालांकि सरकार का दावा है की वो आरक्षण लागू कराने आगे कानूनी विकल्प पर विचार कर रही है।

पढ़ें- क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी कान्हा टाइगर रिजर्व में, परिवार और दोस्त…

इस मामले में सरकार द्वारा कोर्ट में जबाब पेश नहीं करने पर विपक्षी दल सरकार की मंशा उठा रहे हैं। विपक्ष का आरोप है की सरकार द्वारा कोर्ट तरीके से पैरवी नहीं करने और संविधान के विपरीत जाकर काम करने से यह हालात बने हैं। बीजेपी इसे ओबीसी वर्ग के साथ छलावा भी बता रही है।

पढ़ें- अब RTI लगाकर कॉलेजों के छात्र प्राप्त कर सकेंगे आंसर शीट, आवेदन रिज..

आरक्षण को लेकर इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए न्याय दृष्टांत मे स्पष्ट है कि ओबीसी समेत एससीएसटी वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। लेकिन मध्यप्रदेश में इसका दायरा 63 प्रतिशत हो गया है। ऐसे में दूसरे राज्यों में आरक्षण के नियमों का पालन कर सरकार एक बार फिर से ओबीसी आरक्षण लागू कराने की कोशिश में है पर फिलहाल ओबीसी आरक्षण में रोक सरकार को लेकर कोर्ट में सरकार के जबाब का इन्तजार है।

 
Flowers