Raipur Mahamaya Mandir : राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती में स्थित मां महामाया का ये मंदिर, हैहयवंशी से जुड़ी है यहां की कहानी

Raipur Mahamaya Mandir : राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती में स्थित मां महामाया का ये मंदिर, हैहयवंशी से जुड़ी है यहां की कहानी

  •  
  • Publish Date - April 3, 2024 / 08:01 PM IST,
    Updated On - April 3, 2024 / 08:01 PM IST

Raipur Mahamaya Mandir

Raipur Mahamaya Mandir : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के महामाया मंदिर के साथ चमत्कारों की कई बातें जुड़ी हुई है। मंदिर का निर्माण छत्तीसगढ़ के हैहयवंशी राजाओं के साम्राज्य में हुआ था। मां महामाया देवी हैहयवंशी राजवंश की कुल देवी हैं। कहा जाता है कि एक बार राजा मोरध्वज अपनी रानी कुमुद्धती देवी के साथ राज्य भ्रमण पर निकले। शाम होने पर राजा अपनी सेना के साथ खारून नदी के तट पर रूक गए।जब रानी अपनी दासियों के साथ स्नान करने नदी पहुंची तो उन्होने देखा कि एक पत्थर का टिला पानी में तैर रही है। तीन विशालकाय सांप फन काढ़े उस टिले की रक्षा कर रहे थे। ये देखकर रानी और दासियां डर गई और चिल्लाते हुए पड़ाव में लौट आईं।

Read more: Chandi Mata Mandir Takhatpur: राजा तख्त सिंह से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास, केवल कुंवारी कन्याएं ही उठाती हैं ज्योति कलश, जानिए रहस्य

जब राजा मोरध्वज को ये बात पता चली तो उन्होने अपने राज ज्योतिषों से विचार करवाया। ज्योतिषों ने उन्हे बताया कि ये कि ये कोई टिला नहीं बल्कि देवी की मूर्ति है। राजा ने पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ कर मूर्ति को बाहर निकाला। जब मूर्ति नदी से बाहर निकली तो लोग ये देखकर आश्चर्य हो गए कि ये कोई साधारण मूर्ति नहीं बल्कि सिंह पर खड़ी हुई मां भगवती की मूर्ति है। मंदिर को लेकर यह भी कहा जाता है कि स्वयं मां महामाया ने ही राजा से कहा कि मुझे कंधे पर उठाकर मंदिर तक ले जाया जाए और मंदिर में मेरी स्थापना कराई जाए।

Read more: Chandrapur Maa Chandrahasini Mandir: छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर, यहां पूरी होती है भक्तों की हर मुरादें, भर जाती है सूनी कोख

राजा ने अपने पंडितों, आचार्यों व ज्योतिषियों से विचार विमर्श किया। सभी ने सलाह दी कि भगवती माँ महामाया की प्राण-प्रतिष्ठा की जाए तभी जानकारी मिली कि पुरानी बस्ती क्षेत्र में एक नये मंदिर का निर्माण किया गया है। राजा ने उसी मंदिर को तैयार करवाकर महामाया शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। मंदिर प्रांगण में स्थित कुंड का भी अपना इतिहास है। ऐसी मान्यता है कि कई साल पहले इस कुंड की जगह पर ही मंदिर के पुजारी के ऊपर बिजली गिर गई थी। लेकिन, पुजारी को कुछ नहीं हुआ। लोग इसे मां महामाया की कृपा मानते है।

IBC24 का लोकसभा चुनाव सर्वे: देश में किसकी बनेगी सरकार ? प्रधानमंत्री के तौर पर कौन है आपकी पहली पसंद ? क्लिक करके जवाब दें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp