शिवराज कैबिनेट के फैसले: पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा, पटवारियों को लैपटॉप देने के प्रस्ताव पर लगी मुहर

शिवराज कैबिनेट के फैसले: पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा, पटवारियों को लैपटॉप देने के प्रस्ताव पर लगी मुहर

शिवराज कैबिनेट के फैसले: पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा, पटवारियों को लैपटॉप देने के प्रस्ताव पर लगी मुहर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: September 29, 2020 6:58 am IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कैबिनेट की बैठक ली। राज्य सरकार ने कई अहम प्रस्तावों पर मंजूरी दी है। मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की ब्रीफिंग की। बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है।

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मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि जो संवैधानिक दर्जा केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया है वहीं दर्जा राज्य सरकार देगी। इसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, और तीन सदस्य होंगे।

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उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने पिछड़ा वर्ग की कभी इतनी चिंता नहीं की। पिछली सरकार ने 27 फ़ीसदी आरक्षण देने का झुनझुना पिछड़े वर्ग को पकड़ आया था, लेकिन पूरा नहीं किया। मंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के क्रियान्वयन के अनुसमर्थन का प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

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इसके आलवा स्वास्थ्य सेवाओं के अध्ययन के लिए भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। वहीं गोहद में सिविल अस्पताल बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारियों के मासिक वेतन भुगतान के प्रस्ताव का अनुमोदित किया गया। साईंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को भूमिगत पाइप लाइन केबल डक्ट बिछाने के लिए अनुज्ञप्ति के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। वहीं सरकार के घोषणा अनुरूप सभी पटवारियों को लैपटॉप प्रदान करने का प्रस्ताव पर मंजूरी मिली गई। आसन बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव किया गया है।

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