रायपुर । सुकमा बॉर्डर पर बने सिलगेर कैंप को लेकर पिछले 20 दिनों से सुरक्षाबलों और ग्रामीणों के बीच गतिरोध बना हुआ है। गोलीकांड के बाद आदिवासियों की नाराजगी दूर करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों की समिति गठित की है। खास बात ये है कि इस दल में शामिल सभी नेता बस्तर के आदिवासी हैं। कांग्रेस की ये जांच कमेटी ग्रामीणों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
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इससे पहले बीजेपी की 6 सदस्यीय टीम भी ग्रामीणों से मिलने का प्रयास कर चुकी है। अहम बात तो ये है कि मामले में प्रशासनिक टीम के जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर तक घटनास्थल तक पहुंच नहीं सके थे। बहरहाल कांग्रेस की जांच समिति को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है।
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पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस की जांच कमेटी पर कटाक्ष किया कि..सिलगेर मामले में निर्णय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को लेना है। बाकी लोग तो केवल टाइम पास के लिए जा रहे हैं। हालांकि मंत्री रविंद्र चौबे ने दावा किया..कांग्रेस के जनप्रतिनिधि बीच का रास्ता जरूर निकालेंगे। ऐसे में सवाल यही है कि.. किस पक्ष की समिति सिलगेर का सच सामने ला पाएगी..? उससे भी बड़ा सवाल ये कि…विरोध की आग में धधक रहा सिलगेर कैसे शांत होगा।
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इस ज्वलंत मुद्दे पर देखिए क्या कहना है कांग्रेस और बीजेपी नेताओं का-
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