भोरमदेव वन्यप्राणी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जबाव, सरकार ने मांगा समय

भोरमदेव वन्यप्राणी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जबाव, सरकार ने मांगा समय

भोरमदेव वन्यप्राणी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जबाव, सरकार ने मांगा समय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: May 1, 2019 5:27 am IST

बिलासपुर । भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए एनटीसीए यानि की राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अपनी मंजूरी दी थी, लेकिन राज्य शासन ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। राज्य शासन के खिलाफ इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगायी गयी है। जनहित याचिका में एनटीसीए ने भोरमदेव वन्यप्राणी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने की बात कही है।

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शासन ने अपना जवाब पेश करने के लिए समय मांगा है। शासन की तरफ से जवाब के लिए समय मांगे जाने पर हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई को दो सप्ताह आगे बढ़ा दिया है। जनहित याचिका में ये कहा गया है कि राज्य शासन एनटीसीए के प्रस्ताव को रद्द नहीं कर सकती है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन, एनटीसीए समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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हाईकोर्ट की डिविजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। एनटीसीए ने अपने जवाब में कहा है कि भोरमदेव अभ्यारण्य , कान्हा टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है इसलिए इसे टाइगर रिजर्व बनाना चाहिए। शासन की तरफ से जवाब ना देने की वजह से सुनवाई को दो सप्ताह के लिए आगे बढ़ाया गया है।


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