गुवाहाटी, 27 दिसंबर (भाषा) असम के कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में इस हफ्ते की शुरुआत में हुई हिंसा में राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कुल 173 जवान घायल हुए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और दोनों जिलों से किसी अप्रिय घटना की कोई नयी खबर सामने नहीं आई है।
असम पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “वेस्ट कार्बी आंगलोंग के खेरोनी थाना क्षेत्र में 22-23 दिसंबर 2025 को हुई हिंसक झड़पों में असम पुलिस और सीआरपीएफ के 173 जवान घायल हो गए। इनमें से 139 जवानों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि 33 अन्य को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया।”
पुलिस के मुताबिक, दोनों जिलों में निषेधाज्ञा लागू है, इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और सुरक्षाबल स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं।
कार्बी समुदाय के आंदोलनकारी आदिवासी क्षेत्रों में स्थित ग्राम चरागाह आरक्षित क्षेत्र (वीजीआर) और व्यावसायिक चरागाह आरक्षित क्षेत्र (पीजीआर) से कथित अवैध कब्जाधारियों, जिनमें से ज्यादातर बिहार के हैं, को बेदखल करने की मांग को लेकर 15 दिन से भूख हड़ताल पर थे।
पुलिस सोमवार तड़के तीन आंदोलनकारियों को विरोध स्थल से ले गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। बाद में प्रशासन ने दावा किया कि तीनों आंदोलनकारियों की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके मद्देनजर उन्हें गुवाहाटी के एक अस्पताल में भर्ती कराने के लिए विरोध स्थल से ले जाया गया।
वेस्ट कार्बी आंगलोंग के खेरोनी इलाके में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसमें पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति को भीड़ ने उसके घर के अंदर जिंदा जला दिया।
कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग में कथित अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ पिछले साल बेदखली अभियान चलाने का प्रयास किया गया था, लेकिन गुवाहाटी उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसने बेदखली प्रक्रिया पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित किया।
इसी बीच, शुक्रवार को राज्य सरकार, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) और प्रदर्शनकारियों के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भरोसा दिलाया कि सरकार दोनों जिलों में चरागाहों से बेदखली पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय में जल्द याचिका दायर करेगी।
भाषा पारुल दिलीप
दिलीप