देश में अब तक 187 करोड़ कोविड टीके लगाये जा चुके: केंद्र सरकार |

देश में अब तक 187 करोड़ कोविड टीके लगाये जा चुके: केंद्र सरकार

देश में अब तक 187 करोड़ कोविड टीके लगाये जा चुके: केंद्र सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : April 20, 2022/11:06 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) देश में बुधवार को कोविड-19 टीकाकरण का कुल आंकड़ा 187 करोड़ को पार कर गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

मंत्रालय के अनुसार बुधवार को शाम सात बजे तक 13,69,541 लाख टीके लगाये गये। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि दैनिक टीकाकरण का यह आंकड़ा देर रात तक अंतिम रिपोर्ट आने के बाद बढ़ने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार शाम सात बजे तक 18-59 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थियों को 24,459 से अधिक एहतियाती खुराकें दी गईं, जिससे इस आयु वर्ग में दी जाने वाली खुराक की कुल संख्या 2,35,786 हो गई।

भारत ने 10 अप्रैल को निजी टीकाकरण केंद्रों से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग, जिन्हें टीकों की दूसरी खुराक लिए नौ महीने पूरे हो चुके हैं, वे एहतियाती खुराक लेने के पात्र हैं।

महामारी के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का टीकाकरण पिछले साल दो फरवरी से शुरू हुआ था।

कोविड टीकाकरण का अगला चरण पिछले साल एक मार्च को 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष और अधिक आयु के लोगों के लिए शुरू हुआ था। देश ने पिछले साल एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया।

पिछले साल एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड टीकाकरण की अनुमति देकर टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया गया। टीकाकरण का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए शुरू हुआ।

भारत ने इस साल 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया।

देश ने 16 मार्च से 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया और बीमारी की शर्त को हटा दिया जिससे 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग एहतियाती खुराक के लिए पात्र हो गए।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश

 

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