असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बीच 22 लाख लोग अब भी प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बीच 22 लाख लोग अब भी प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बीच 22 लाख लोग अब भी प्रभावित
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: June 27, 2022 2:31 pm IST

गुवाहाटी, 27 जून (भाषा) असम में अधिकतर नदियों में जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बीच अब भी 22 लाख से अधिक लोग इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि हालांकि कछार जिले के मुख्यालय सिलचर में स्थिति अब भी गंभीर है और कई इलाके पानी में डूबे हुए हैं।

रविवार को पांच और लोगों की मौत हो जाने के साथ ही राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 126 हो गई वहीं दो लोग लापता हैं।

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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी एक बुलेटिन के अनुसार रविवार को 28 जिलों में 22.21 लाख लोग प्रभावित थे जबकि उसके पिछले दिन यह संख्या 25.10 लाख थी। कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

एक सप्ताह से अधिक समय से पानी में डूबे सिलचर के उन क्षेत्रों में राहत पहुंचाने की कोशिश चल रही है जहां प्रशासन अब तक नहीं पहुंच पाया है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर से खाने-पीने की चीजें एवं अन्य जरूरी सामान गिराए जा रहे हैं।

कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने बताया कि मानवरहित यान (यूएवी) से निगरानी की जा रही है ताकि विभिन्न क्षेत्रों में नुकसान का आकलन किया जा सके और जरूरी कदम उठाने में मदद मिल सके।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ ही यूनीसेफ, ऑक्सफैम जैसे संगठनों ने सिलचर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों तक पेयजल पहुंचाने के लिए नौका पर लगी जलशोधन इकाइयां शुरू की हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने रविवार को दो बार सिलचर का दौरा किया तथा राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा की। बेतकुंडी में बांध टूटने के बाद पानी घुस आने से सिलचर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आरोप है कि कुछ बदमाशों ने यह बांध तोड़ दिया। सरमा ने आरोप लगाया कि शहर में बाढ़ ‘मानवनिर्मित’ है।

राज्य सरकार ने गुवाहाटी और जोरहाट के लिए भोजन के 3575 पैकेट भेजे हैं। प्राधिकरण के अनुसार इस बीच राज्य में 75 राजस्व सर्किल के 2542 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं तथा 2,17,413 लोग 564 राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं।

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश


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