नयी दिल्ली 22 फरवरी (भाषा) भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) का 25वां संस्करण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की सामूहिक पहल ‘जन भारत रंग’ के साथ बुधवार शाम को समाप्त हो गया।
दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर महोत्सव माने जाने वाला ‘भारंगम’ एक फरवरी को मुंबई में शुरु हुआ था।
यह महोत्सव देश के 15 शहरों में आयोजित किया गया, जिसमें 150 से अधिक प्रदर्शनों की विविध श्रृंखला प्रस्तुत की गई।
यह महोत्सव अभिनेता आशुतोष राणा के नाटक ‘हमारे राम’ के साथ शुरू हुआ था और ‘जन भारत रंग’ पहल के तहत देश भर के 1500 से अधिक समूहों के प्रदर्शन के साथ समाप्त हो गया।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने महोत्सव के समापन के चरण में ‘वसुधैव कुटुंबकम’, ‘पंच प्राण’ और ‘विकसित भारत’ विषयों पर देश भर के विभिन्न प्रदर्शन कला समूहों के लघु प्रदर्शन को एक साथ लाने के लिए ‘जन भारत रंग’ पहल की शुरुआत की।
प्रदर्शनों को एक पंजीकृत पोर्टल पर रिकॉर्ड किया गया और इसे ड्रामा स्कूल में एक स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया, जिससे यह प्रदर्शन किसी थिएटर संस्थान का अब तक सबसे बड़ा सामूहिक लाइव प्रदर्शन बन गया।
एनएसडी के अध्यक्ष और अभिनेता परेश रावल ने पीटीआई-भाषा को बताया ‘यह एक अद्भुत विचार है, ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की थीम पर प्रदर्शन का आयोजन बहुत बड़ी बात है। आज, जब दुनिया विभाजित हो रही है, प्रधानमंत्री मोदी के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के विचार में पीड़ा से उबरने की ताकत है। यह तब और भी बेहतर हो जाता है जब इसे रंगमंच के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। भरतमुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ में कहा गया है कि रंगमंच के माध्यम से पूरी दुनिया को एकजुट किया जा सकता है। यह खुशी और गर्व की बात है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ऐसा कर सका।”
रंगमंच महोत्सव के समापन पर बुधवार को एनएसडी ने ‘समुद्र मंथन’ का मंचन किया।
भाषा योगेश मनीषा
मनीषा
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