असम में तीन से पांच लाख लोग सीएए के तहत आवेदन करेंगे : हिमंत

असम में तीन से पांच लाख लोग सीएए के तहत आवेदन करेंगे : हिमंत

असम में तीन से पांच लाख लोग सीएए के तहत आवेदन करेंगे : हिमंत
Modified Date: March 18, 2024 / 09:00 pm IST
Published Date: March 18, 2024 9:00 pm IST

गुवाहाटी, 18 मार्च (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि राज्य में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत तीन से पांच लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे। शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि आवेदन करने वाले लोगों में सिर्फ वही लोग शामिल होंगे, जिन्हें अद्यतन राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रखा गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि सात लाख मुसलमानों और पांच लाख हिंदू-बंगालियों सहित अन्य को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”बहुत से हिंदू-बंगाली अलग-अलग समय पर आये थे और शरणार्थी शिविरों में ठहरे थे। जब उन्होंने एनआरसी में शामिल करने के लिए आवेदन किया था, तब उन्होंने इन शिविरों में रहने के सबूत के तौर पर मुहर लगे दस्तावेज दाखिल किये थे।”

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एक स्थानीय समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में शर्मा ने कहा, ”लेकिन प्रतीक हजेला (एनआरसी के पूर्व राज्य समन्वयक) ने उन पत्रों को स्वीकार नहीं किया था। इसके परिणामस्वरूप बहुत से हिंदू-बंगाली एनआरसी में शामिल नहीं हो सके थे।”

उन्होंने कहा कि एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले पांच लाख हिंदू-बंगालियों में से कई नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत आवेदन जमा करेंगे, जबकि कई लोग कानून का सहारा लेंगे। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि एनआरसी से बाहर किए गए आवेदकों में दास (उपनाम), ‘कोच-राजबोंगशी’ (समुदाय) और 1.5 लाख गोरखा जैसे दो लाख ‘असमिया’ भी शामिल हैं।

भाजपा नेता ने जोर देकर कहा, ”सीएए के अंतर्गत आवेदकों की संख्या तीन से पांच लाख होगी, जिसमें 10 फीसदी का अंतर आ सकता है। असम में आवेदकों की संख्या कोई 15, 18, 20 लाख या डेढ़ करोड़ नहीं होगी। राजनीति में इतना लंबा वक्त बिताने के बाद मेरी राज्य पर इतना पकड़ तो बन ही चुकी है।”

उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित हुआ और 3.4 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख को बाहर कर दिया गया।

भाषा जितेंद्र दिलीप

दिलीप


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