पंजाब में 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक पराली जलाने के 484 मामले दर्ज किए गए : पीपीसीबी डेटा

पंजाब में 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक पराली जलाने के 484 मामले दर्ज किए गए : पीपीसीबी डेटा

पंजाब में 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक पराली जलाने के 484 मामले दर्ज किए गए : पीपीसीबी डेटा
Modified Date: October 23, 2025 / 03:12 pm IST
Published Date: October 23, 2025 3:12 pm IST

चंडीगढ़, 23 अक्टूबर (भाषा) पंजाब में 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक पराली जलाने की 484 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 16 अक्टूबर तक दर्ज 188 मामलों से 296 अधिक है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

आंकड़ों के अनुसार, तरनतारन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 154 मामले सामने आए, इसके बाद अमृतसर में 126, फिरोजपुर में 55, पटियाला में 31 और गुरदासपुर में 23 घटनाएं हुईं।

कई किसान पराली जलाने से रोकने की सरकारी अपीलों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

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पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।

चूंकि, अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद रबी की फसल – गेहूं की बुवाई का समय बहुत कम होता है, इसलिए कुछ किसान पराली को जल्दी से हटाने के लिए इन्हें खेत में ही जला देते हैं।

पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 226 मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 11.45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुल जुर्माने में से अब तक 7.40 लाख रुपये वसूले जा चुके हैं।

आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इस अवधि के दौरान पराली जलाने की घटनाओं के लिए 184 प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनमें तरनतारन में 61 और अमृतसर में 53 प्राथमिकी शामिल हैं।

भाषा शफीक नरेश

नरेश


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