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India news today in hindi 30 October : मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत, रेस्क्यू के लिए IAF के गरुड़ कमांडो रवाना, सीएम भूपेंद्र पटेल पहुंचे घटनास्थल

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India news today in hindi 30 October : मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत, रेस्क्यू के लिए IAF के गरुड़ कमांडो रवाना, सीएम भूपेंद्र पटेल पहुंचे घटनास्थल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: October 30, 2022 8:41 pm IST

मोरबीः गुजरात के मोरबी से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए। हादसे में 70 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि, मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। पुल के गिरने के बाद तुरंत मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। गांधीनगर से मोरबी के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना हो गई हैं। वहीं, राजकोट से भी एसडीआरएफ की टीम भेजी जा रही है। NDRF की टीम रेस्क्यू कार्य में लगी हुई है। वहीं, खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौके पर पहुंच रहे हैं।

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तीनों सेनाओं की टीमें रवाना

गुजरात सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 3 प्लाटून, इंडियन नेवी के 50 जवानों की टीम, वायुसेना के 30 जवान, आर्मी की 2 टीमें और फायर ब्रिगेड की 7 टीमें राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से मोरबी के लिए रवाना हो गई हैं। एसडीआरएफ की 3 और राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की दो प्लाटून भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मोरबी पहुंच रही हैं। घायलों के इलाज के लिए राजकोट सिविल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है।

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140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।