किश्तवाड़ की वारवान घाटी में 26 अगस्त को बादल फटने से 190 मकान क्षतिग्रस्त

किश्तवाड़ की वारवान घाटी में 26 अगस्त को बादल फटने से 190 मकान क्षतिग्रस्त

किश्तवाड़ की वारवान घाटी में 26 अगस्त को बादल फटने से 190 मकान क्षतिग्रस्त
Modified Date: September 1, 2025 / 01:36 pm IST
Published Date: September 1, 2025 1:36 pm IST

जम्मू, एक सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले की वारवान घाटी में पिछले मंगलवार को बादल फटने से लगभग 190 मकान क्षतिग्रस्त हो गए और 45 मवेशी मारे गए।

बादल फटने की घटना के बाद कई एजेंसियां ​​बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्वास कार्यों में लगी हुई हैं।

मारवाह-वारवान घाटी पहुंचे किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने प्रभावित परिवारों को एक महीने का राशन दिए जाने की घोषणा की। रेड क्रॉस की ओर से राशन और राहत सामग्री लोगों में वितरित की गई।

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वारवान घाटी के मार्गी गांव में 26 अगस्त को बादल फटने से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। इस दौरान हालांकि कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ।

शर्मा ने कहा, ‘‘224 मकानों में से लगभग 50 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, 130-140 मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए जबकि बाकी आंशिक रूप से प्रभावित हुए। राजस्व विभाग, एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और अन्य टीम को प्राथमिकता के आधार पर मलबा हटाने के अभियान में तेजी लानी चाहिए।’’

उपायुक्त ने बताया कि मलबे में 45 मवेशी दबे हुए हैं। उपायुक्त के साथ किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नरेश सिंह भी थे।

शर्मा ने बताया कि राहत और पुनर्वास कार्य जारी है।

उन्होंने बताया कि मारवाह और वारवान में छह से सात स्थानों पर बादल फटने से सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। संबंधित विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में सड़क और पुल संपर्क उनके निर्देश पर बहाल कर दिया है।

प्राधिकारियों को फसलों और फलों के पेड़ों को हुए नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।

उपायुक्त ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को क्षतिग्रस्त जल पाइपलाइनों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने और प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि दीर्घकालिक सुरक्षात्मक उपायों की योजना बनाने के लिए एक टीम जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेगी।

उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रात भर वारवान में रुके और उन्होंने नोवापाची का दौरा किया, जहां उन्होंने एक जनसभा की।

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव


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