छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला मामले में आरोपी को हिरासत में रखकर वस्तुत: दंडित किया जा रहा: न्यायालय

छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला मामले में आरोपी को हिरासत में रखकर वस्तुत: दंडित किया जा रहा: न्यायालय

छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला मामले में आरोपी को हिरासत में रखकर वस्तुत: दंडित किया जा रहा: न्यायालय
Modified Date: April 29, 2025 / 12:58 am IST
Published Date: April 29, 2025 12:58 am IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सोमवार को राज्य सरकार की आलोचना की और पूछा कि वह एक आरोपी को कब तक जेल में रखेगी।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि इस मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं और जांच अब भी जारी है।

पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, ‘जांच अपनी गति से चलेगी। यह अनंत काल तक चलती रहेगी। तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। आप व्यक्ति को हिरासत में रखकर उसे वस्तुतः दंडित कर रहे हैं। आपने प्रक्रिया को ही सजा बना दिया है। यह कोई आतंकवादी या तिहरे हत्याकांड का मामला नहीं है।’

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राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि आरोपी का मामले में अन्य आरोपियों के साथ आमना-सामना कराया जाना चाहिए।

आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने दलील दी कि मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं और अभी आरोप तय होना बाकी है।

अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे (याचिकाकर्ता को) तीन लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। सरकारी कर्मचारियों समेत छह लोगों को जमानत मिल गई है, 457 गवाह हैं। जांच अब भी जारी है।’

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं अरविंद सिंह और अमित सिंह का पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से सामना कराने की अनुमति दे दी और मामले की अगली सुनवाई की तारीख नौ मई तय की।

भाषा जोहेब सुरेश

सुरेश


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