अदाणी मानहानि मामले में अदालत ने कहा- ठाकुरता रोक आदेश का पालन करने के लिए उत्तरदायी नहीं
अदाणी मानहानि मामले में अदालत ने कहा- ठाकुरता रोक आदेश का पालन करने के लिए उत्तरदायी नहीं
नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता अगले आदेश तक अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के खिलाफ कथित मानहानिकारक सामग्री हटाने के निर्देश का पालन करने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।
ठाकुरता और अन्य को एईएल के विरुद्ध कथित रूप से असत्यापित और अपमानजनक सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक दिया गया था।
जिला न्यायाधीश सुनील चौधरी ने छह सितंबर के आदेश के खिलाफ ठाकुरता की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश, उत्तर-पश्चिम की अदालत को 26 सितंबर को अन्य प्रतिवादियों के साथ अपीलकर्ता के मामले की भी सुनवाई करने का निर्देश दिया जाता है…।’
उन्होंने कहा कि दीवानी न्यायाधीश को ‘नए आदेश’ पारित करते समय अंतरिम आदेश के बारे में कानूनी सिद्धांत को ध्यान में रखना था।
न्यायाधीश ने कहा, ‘लिहाजा अपील का निपटारा किया जाता है और अपीलकर्ता छह सितंबर के आदेश का पालन करने के लिए तब तक उत्तरदायी नहीं होगा, जब तक कि वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश की अदालत द्वारा उन्हें सुने जाने के बाद नया आदेश पारित नहीं कर दिया जाता।’
जिला न्यायाधीश आशीष अग्रवाल ने 18 सितंबर को चार पत्रकारों रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, अयस्कांत दास और आयुष जोशी द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया और दीवानी न्यायाधीश के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि लेखों को हटाने का अंतरिम एकपक्षीय आदेश का प्रभाव व्यापक था। इसने कहा कि इसका प्रभाव ऐसा था कि सुनवाई किए बिना ही मामले पर फैसला सुना दिया गया हो।
न्यायाधीश ने अपील का निपटारा करते हुए कहा कि निर्देश दिया जाता है कि वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश की अदालत उस आवेदन पर नया आदेश पारित करे और इसके लिए इस अदालत के समक्ष आए अपीलकर्ताओं और प्रतिवादी संख्या-एक (एईएल) दोनों की दलीलें सुनी जाएं।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश आवेदन पर अपना फैसला इस अदालत की किसी भी टिप्पणी या राय से प्रभावित हुए बिना ले सकते हैं।
एईएल की मानहानि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एक दीवानी न्यायाधीश ने छह सितंबर को 10 प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित अवधि के भीतर वेबसाइटों सहित विभिन्न मंचों पर पहले से प्रकाशित विवादास्पद सामग्री, जैसे लेख और सोशल मीडिया पोस्ट को हटा लें।
इस मामले में प्रतिवादी परंजॉय गुहा ठाकुरता, रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, अयस्कांत दास, आयुष जोशी, बॉब ब्राउन फाउंडेशन, ड्रीमस्केप नेटवर्क इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, गेटअप लिमिटेड, डोमेन डायरेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और ‘जॉन डो’ हैं।
भाषा
नोमान सुरेश
सुरेश

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