National Youth Day 2025 : आखिर स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन ही क्यों मनाया जाता है ‘युवा दिवस’? जानें इस दिन से जुड़ी ये खास बातें
National Youth Day 2025 : हर वर्ष 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है।
National Youth Day 2025 | Source : Wikipedia
नई दिल्लीः National Youth Day 2025 : हर वर्ष 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) के तौर पर भी मनाया जाता है। महान संत और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था। ये स्वामी विवेकानंद ही थे जिन्होंने विदेशों में भारतीय योग-वेदांत की शिक्षा व दर्शन को विदेशों में ख्याति दिलवाई।
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर पूरा देश इस महान संत और भारत के गौरव आध्यात्मिक गुरु को नमन कर रहा है। स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में हुई विश्व धर्म सम्मेलन में भारत को विश्वपटल पर एक नई पहचान दिलाई। आज हम जानते हैं कि स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में क्यों मनाते हैं?
राष्ट्रीय युवा दिवस
राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत 1985 में हुई थी, जब भारत सरकार ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को इस रूप में मनाने का निर्णय लिया। विवेकानंद के विचारों ने युवाओं को हमेशा प्रेरित किया है, और सरकार ने उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया। तब से यह दिन शैक्षणिक संस्थानों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इस दिन पर विचार-विमर्श, कार्यशालाएँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं ताकि युवाओं को प्रेरित किया जा सके और उन्हें सामाजिक बदलाव में अपनी भूमिका समझने का अवसर मिले।
राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और आदर्शों का उत्सव है। उनका मानना था कि युवा ही समाज में परिवर्तन लाने की सबसे बड़ी शक्ति हैं। यह दिन आत्म-अनुशासन, जिम्मेदारी और आध्यात्मिक जागरूकता जैसे मूल्यों को अपनाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करता है। विवेकानंद की शिक्षाएं यह सिखाती हैं कि व्यक्ति को अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करना चाहिए, जिससे समाज और देश का कल्याण हो सके।
आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि स्वामी विवेकानन्द
वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं। विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता। उन्होंने हमें कुछ ऐसी वस्तु दी है जो हममें अपनी उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त परम्परा के प्रति एक प्रकार का अभिमान जगा देती है। स्वामी जी ने जो कुछ भी लिखा है वह हमारे लिए हितकर है और होना ही चाहिए तथा वह आने वाले लम्बे समय तक हमें प्रभावित करता रहेगा। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उन्होंने वर्तमान भारत को दृढ़ रूप से प्रभावित किया है। भारत की युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानन्द से निःसृत होने वाले ज्ञान, प्रेरणा एवं तेज के स्रोत से लाभ उठाएगी।

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