कोटा के बाद अब बीकानेर में बच्चों की मौत, दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चों ने गंवाई जान

कोटा के बाद अब बीकानेर में बच्चों की मौत, दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चों ने गंवाई जान

कोटा के बाद अब बीकानेर में बच्चों की मौत, दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चों ने गंवाई जान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: January 5, 2020 7:13 am IST

बीकानेर। राजस्थान में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, बच्चों की मौत के मामले में बीकानेर के पीबीएम शिशु हॉस्पिटल ने कोटा के जे.के. लोन अस्पताल को भी पीछे छोड़ दिया है। कोटा में जहां 35 दिनों में 110 बच्चों की मौत हुई वहीं बीकानेर के हॉस्पिटल में दिसंबर के 31 दिनों में 162 बच्चे काल के गाल में समा गए।

ये भी पढ़ें:लावारिस हालत में शराब का जखीरा बरामद, अवैध परिवहन और तस्करी की आशंका

इन आंकड़ों का मतलब है कि हर दिन पांच से ज्यादा बच्चों की मौत हो रही है, महज दिसंबर महीने की बात करें तो इस अस्पताल में जन्मे और बाहर से आए 2219 बच्चे पीबीएम शिशु हॉस्पिटल में भर्ती हुए, इन्हीं में से 162 यानी 7.3 फीसदी बच्चों की मौत हो गई।

 ⁠

ये भी पढ़ें: आईपीएस कॉन्क्लेव में शामिल हुए सीएम बघेल, परेड की स…

पूरे साल की बात करें तो जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक यहां कुल 1681 बच्चों की मौत हो चुकी है, 220 बेड के पीबीएम शिशु हॉस्पिटल में 140 बेड जनरल वार्ड के हैं, वहीं 72 बेड नियोनेटल केयर युनिट यानी नवजात बच्चों की देखभाल के लिए हैं, सबसे ज्यादा मौत इन्हीं बच्चों की हो रही है।

ये भी पढ़ें: आर्च ब्रिज के नीचे डिवाइडर को बीच से तोड़ा, कभी भी …

मौत का आंकड़ा उजागर होने के बाद सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एचएस कुमार ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना और अन्य लाभकारी योजनाओं के चलते दूरदराज के गंभीर बच्चे संभाग के एकमात्र पीबीएम अस्पताल में बने आईसीयू के लिए रेफर कर दिए जाते हैं, पीबीएम के डॉक्टर उनका समुचित इलाज करने का प्रयास करते हैं, फिर भी गंभीर बच्चों की मौत हो जाती है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com