DGCA NEW GUIDELINE: DGCA नेआज देश भर के एयरपोर्ट्स को गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस का मकसद उड़ानों की चिड़ियों और दूसरे जानवरों के साथ टक्कर की घटनाओं को काबू में लाना है। हाल ही में, ऐसी कई घटनाएं सामने आईं हैं।डीजीसीए द्वारा जारी किए गए निर्देशों में रोजाना पेट्रोलिंग करने के अलावा किसी भी चिड़िया की मौजूदगी पर पायलटों को सूचित करना है।
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पिछले कुछ हफ्तों में, उड़ानों और चिड़ियों की टक्कर की कई घटनाएं सामने आईं हैं। नई गाइडलाइंस के तहत, एयरपोर्ट्स को वाइल्डलाइफ रिस्क असेस्मेंट करना होगा। और एयक्राफ्ट के सामने जोखिम के मुताबिक उसे रैंक करना होगा। इसके अलावा एयरपोर्ट्स के पास वाइल्डलाइफ मूवमेंट के डेटा की निगरानी और दर्ज करने की प्रक्रिया होना जरूरी है।
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नए नियमों में यह भी कहा गया है कि रूटीन पेट्रोलिंग भी इस कार्यक्रम का अहम हिस्सा होगी। पेट्रोलिंग को रेगुलर रूट के बजाय रैंडम पैटर्न में करना होगा, जिससे जानवरों या पक्षियों को पता न चले या उन्हें पेट्रोलिंग के समय के बारे में आदत पड़ जाए। एयरोडोम ऑपरेटर्स को वाइल्डलाइफ हजार्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम के क्रियान्वयन पर मासिक एक्शन रिपोर्ट को भी फॉरवर्ड करना होगा। हर महीने की हर सात तारीख तक उन्हें वाइल्डलाइफ स्ट्राइक डेटा उपलब्ध कराना होगा। 4 अगस्त को, गो फर्स्ट की चंडीगढ़ को पहली उड़ान अहमदाबाद वापस आ गई, क्योंकि वह एक पक्षी से टकरा गई थी।
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