नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारत सरकार ने अलगाववादी समूह जमात-ए-इस्लामी को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध को लेकर अधिसूचना जारी कर दिया है।
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इसी के तहत कश्मीर के कई जगहों पर अधिकारियों ने जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं के घरों और संपत्तियों को सील किया है। सुरक्षा बलों ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई के साथ जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं समेत कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
वहीं अधिकारियों का मानना है कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर में सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन के लिए जिम्मेदार हैं।’यह संगठन दशकों से अपने अलगाववाद एवं पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादी एवं आतंकवादी तत्वों को सहयोग प्रदान कर रहा है’
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