32 साल बाद नक्सलियों से मुक्त हुआ छत्तीसगढ़ से लगा ये क्षेत्र, ग्रामीण बोले अब दोबारा नहीं हो पाएगा ऐसा

तीन दशक बाद बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों से मुक्त After three decades, Budha Pahar freed from Naxals

32 साल बाद नक्सलियों से मुक्त हुआ छत्तीसगढ़ से लगा ये क्षेत्र, ग्रामीण बोले अब दोबारा नहीं हो पाएगा ऐसा

Budha Pahar freed from Naxals:

Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: September 19, 2022 1:24 am IST

Budha Pahar freed from Naxals: रांची, 18 सितंबर। झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर लातेहार एवं गढ़वा जिले में स्थित बूढ़ा पहाड़ को लगभग 32 वर्षों बाद एक बार फिर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है ।

झारखंड पुलिस के महानिदेशक नीरज सिन्हा ने रविवार को लातेहार और गढ़वा जिलों में फैले बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर पहुंच कर 32 वर्षों बाद नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त हुए एवं सुरक्षा बलों के कब्जे में आये बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अब उन्हें कभी दोबारा नक्सलियों के आतंक के साये में नहीं रहना होगा साथ ही उन्होंने क्षेत्र में नक्सलियों के सफाये के लिए लंबे समय तक चले ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ में शामिल सुरक्षा बलों को सम्मानित किया।

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Budha Pahar freed from Naxals: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अमोल विष्णुकांत होमकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नक्सलियों के पूरी तरह सफाये के बाद पहली बार शुक्रवार को बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों के शिविर पर एमआई हेलीकॉप्टर उतारे गये।

होमकर ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के बाद उसकी चोटी पर सुरक्षा बलों का शिविर स्थापित कर लिया गया है। अब वहां जवानों को रसद और दूसरे सामान की आपूर्ति हेलीकॉप्टर और दूसरे साधनों से की जायेगी।

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सिन्हा ने कहा कि अब सुरक्षा बलों की सहायता से क्षेत्र में आम लोगों के लिए सड़कें, अस्पताल एवं अन्य आवश्यक मूलभूत संरचनाएं निर्मित की जायेंगी।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com